दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस में नया मोड़: अल-फलाह यूनिवर्सिटी से मिली संदिग्ध कार
दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस की जांच में प्रगति
नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट मामले की जांच अब एक महत्वपूर्ण चरण में पहुंच गई है। सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लंबे समय से खोजी जा रही लाल ब्रेजा कार का पता चल गया है। यह कार फरीदाबाद के आतंकवादी मॉड्यूल से जुड़ी मानी जा रही है और इसे अल-फलाह यूनिवर्सिटी के परिसर से बरामद किया गया है।
संदिग्ध ब्रेजा कार का खुलासा
सूत्रों के अनुसार, यह लाल ब्रेजा कार डॉ. शाहीन सईद के नाम पर रजिस्टर्ड है, जो फरीदाबाद के आतंकवादी मॉड्यूल की मुख्य आरोपी मानी जा रही हैं और वर्तमान में पुलिस हिरासत में हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि यह चौथी कार है जो इस मॉड्यूल से संबंधित थी और पहले से गायब थी। पुलिस को संदेह है कि इसमें विस्फोटक छिपाए गए थे। फिलहाल, फॉरेंसिक टीम कार की गहन जांच कर रही है।
शाहीन की कारों से खुलते हैं आतंकवादी साजिशों के राज
यह पहली बार नहीं है जब डॉ. शाहीन की गाड़ी से महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। इससे पहले, पुलिस ने उसके नाम पर रजिस्टर्ड डिजायर कार भी बरामद की थी, जिसमें AK-47 राइफल, पिस्टल और जिंदा कारतूस पाए गए थे। अब लाल ब्रेजा कार मिलने से जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि इससे फरीदाबाद मॉड्यूल की आतंकवादी साजिश का पूरा जाल सामने आएगा।
चार कारों का आतंकवादी नेटवर्क
फरीदाबाद डॉक्टर टेरर मॉड्यूल की जांच में अब तक चार कारों का उल्लेख किया गया है:
पहली कार: डिजायर, जो डॉ. शाहीन की थी और जिसमें हथियार बरामद हुए।
दूसरी: आई-20, जिसका उपयोग लाल किले के पास धमाके में किया गया।
तीसरी: इको स्पोर्ट्स, जिसे 12 नवंबर को बरामद किया गया।
चौथी: ब्रेजा, जो अब अल-फलाह यूनिवर्सिटी से मिली है।
जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि इन वाहनों का उपयोग आतंकियों ने दिल्ली-एनसीआर में रेकी, विस्फोटक पहुंचाने और योजनाएं बनाने में किया था।
दिल्ली में दहशत का मंजर
10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास आई-20 कार में हुए विस्फोट ने पूरे देश को हिला दिया था। जांच में पता चला कि आतंकवादी डॉक्टर उमर ने कार में विस्फोटक रखकर धमाका किया, जिससे 13 लोगों की जान गई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। इस हमले का सीधा संबंध फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी नेटवर्क से जोड़ा गया है।
आतंकवादी नेटवर्क की जांच जारी
अब जब लाल ब्रेजा कार बरामद हो चुकी है, जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि इससे आतंकवादी मॉड्यूल के वित्तीय स्रोतों, साजिश की रूपरेखा और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के संभावित संपर्कों पर और जानकारी मिलेगी। वर्तमान में NIA और ATS की संयुक्त टीमें अल-फलाह यूनिवर्सिटी परिसर से बरामद दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच कर रही हैं।