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दिल्ली के लाल किले के पास विस्फोट: आत्मघाती हमलावर की पहचान में तेजी

दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट की जांच में तेजी आई है। संदिग्ध डॉ. उमर मोहम्मद की पहचान की गई है, जो उस कार से जुड़ा है जिसमें विस्फोट हुआ। इस घटना में नौ लोगों की जान गई है। जांच में शामिल एजेंसियां संदिग्धों के डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य साक्ष्यों की जांच कर रही हैं। क्या डॉ. उमर की गिरफ्तारी होगी? जानें पूरी जानकारी इस लेख में।
 

दिल्ली में विस्फोट की जांच में तेजी


नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के निकट हुए भयंकर विस्फोट की जांच में तेजी आई है। इस बीच, उस संदिग्ध व्यक्ति की पहली तस्वीर सामने आई है, जिसे आत्मघाती हमलावर माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध का नाम डॉ. उमर मोहम्मद है, जो उस सफेद हुंडई i20 कार से जुड़ा हुआ है, जिसमें सोमवार शाम को विस्फोट हुआ। इस घटना में कम से कम नौ लोगों की मृत्यु हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं।


कार का स्वामित्व और संदिग्ध की पहचान

रिपोर्टों के अनुसार, जिस i20 कार में विस्फोट हुआ, वह डॉ. उमर से संबंधित है। इस संदिग्ध की पहली तस्वीर भी उपलब्ध है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है। जांच टीमों का मानना है कि कार के स्वामित्व और उसके संपर्क में आने वाले व्यक्तियों की पहचान इस मामले के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, कार से जुड़े सभी व्यक्तियों की भूमिका का गहन अध्ययन किया जा रहा है।


फिदायीन मॉड्यूल से जुड़े अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी

सूत्रों के अनुसार, डॉ. उमर का नाम एक सफेदपोश मॉड्यूल से भी जुड़ा है, जिसमें दो अन्य डॉक्टर, डॉ. अदील अहमद राथर और डॉ. मुजम्मिल शकील, की गिरफ्तारी हुई है। इन दोनों को सोमवार को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पकड़ा गया था।


संदिग्ध गतिविधियों की जांच

रिपोर्टों में कहा गया है कि अपने सहयोगियों की गिरफ्तारी की खबर सुनने के बाद डॉ. उमर फरीदाबाद से अचानक गायब हो गया। सुरक्षा एजेंसियां उसकी दिशा और उद्देश्य का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। कई स्रोतों का कहना है कि गिरफ्तारी के डर से वह भागा, लेकिन इस दावे की पुष्टि अभी नहीं हुई है।


हमले की योजना के संकेत

जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, संदिग्ध उमर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर किसी योजना को अंजाम देने की कोशिश की थी। कहा जा रहा है कि कार में एक डेटोनेटर लगाया गया था, लेकिन फोरेंसिक टीमें अभी यह निर्धारित कर रही हैं कि विस्फोट का तरीका क्या था और इसमें कौन सी सामग्री का उपयोग किया गया।


जांच जारी, आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा

एनआईए, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और अन्य केंद्रीय एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। अधिकारी तथ्य जुटाने पर जोर दे रहे हैं। फिलहाल, एजेंसियों ने संदिग्धों से जुड़े डिजिटल रिकॉर्ड, कॉल डिटेल्स, बैंकिंग इतिहास और आवाजाही के तकनीकी साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है।