दिल्ली के लाल किले में विस्फोट: डॉ. उमर नबी की संदिग्ध गतिविधियों का खुलासा
दिल्ली पुलिस को मिला नया सबूत
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों ने 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए भयानक विस्फोट से संबंधित एक महत्वपूर्ण सबूत प्राप्त किया है। हाल ही में जारी सीसीटीवी फुटेज में मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी को हमले से कुछ घंटे पहले पुरानी दिल्ली की एक मस्जिद में प्रवेश करते और बाहर निकलते हुए देखा गया है। यह वही कश्मीरी डॉक्टर है जिसने लाल किले के निकट अपनी कार में बम विस्फोट कर 12 लोगों की जान ले ली थी.
उमर नबी का मस्जिद में ठिकाना
फुटेज में डॉ. उमर को तुर्कमान गेट के पास स्थित फैज-ए-इलाही मस्जिद में दोपहर लगभग 2:30 बजे प्रवेश करते हुए देखा गया। वह मस्जिद में करीब 10 मिनट तक रुका और फिर लाल किले की दिशा में निकल गया। 19 सेकंड की यह सीसीटीवी क्लिप अब जांच एजेंसियों के पास है, जिसमें उमर आसफ अली रोड पर पैदल चलते हुए दिखाई दे रहा है। कुछ घंटों बाद, उसने अपनी हुंडई i20 कार में विस्फोट कर दिया। जांच अधिकारियों का मानना है कि जब उसे अपने सहयोगियों की गिरफ्तारी की सूचना मिली, तो उसने जल्दबाजी में यह हमला किया।
फैज-ए-इलाही मस्जिद पर जांच
जिस मस्जिद में उमर नबी गया था, वह तब्लीगी जमात से जुड़ी गतिविधियों के लिए जानी जाती है। यह संगठन निजामुद्दीन मरकज से अलग होकर धार्मिक शिक्षा और प्रचार का कार्य करता है। जांच एजेंसियां मस्जिद में उमर के संपर्कों और वहां हुई उसकी गतिविधियों की गहन जांच कर रही हैं।
डीएनए रिपोर्ट से पुष्टि
लाल किले के पास हुए धमाके के बाद उमर नबी के शरीर के अवशेष बुरी तरह क्षतिग्रस्त मिले थे। उसकी पहचान तब संभव हो सकी जब पुलवामा स्थित उसके घर से लिए गए डीएनए सैंपल कार के मलबे से मिले हड्डियों और दांतों से 100% मैच हुए। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर को "व्हाइट कॉलर टेररिस्ट मॉड्यूल" का सबसे कट्टरपंथी सदस्य माना जाता था।
नई जांच की कड़ी: दूसरी कार
जांच में यह भी सामने आया है कि उमर नबी के पास एक लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार भी थी, जो हरियाणा के एक गांव में मिली है। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि इस कार का इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक सामग्री के भंडारण और परिवहन के लिए किया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और केंद्रीय जांच एजेंसियों ने उस क्षेत्र को घेर लिया है। फिलहाल, गाड़ी को तब तक किसी एजेंसी को नहीं सौंपा जाएगा जब तक एनएसजी यह पुष्टि नहीं कर देती कि उसमें कोई विस्फोटक नहीं है।
उमर की भागने की कहानी
फरीदाबाद से भागने के बाद उमर ने मेवात होते हुए फिरोजपुर झिरका के रास्ते दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से दिल्ली की ओर रुख किया। जांच में सामने आया है कि उसने एक्सप्रेसवे के किनारे एक ढाबे पर रात बिताई थी और अपनी कार में ही सोया था। अगली सुबह वह फरीदाबाद होते हुए बदरपुर बॉर्डर से दिल्ली पहुंचा। जांच एजेंसियों ने पुष्टि की है कि उमर की लोकेशन एक्सप्रेसवे पर लगे कई सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई थी।