दिल्ली कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ चार्ज तय करने का आदेश टाला
लालू यादव और परिवार के खिलाफ चार्ज तय करने की सुनवाई टली
नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को आरजेडी के नेता लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ 'लैंड फॉर जॉब्स' भ्रष्टाचार मामले में चार्ज तय करने का आदेश स्थगित कर दिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने सुनवाई के दौरान आदेश को टालते हुए नई तारीख निर्धारित की।
इससे पहले, 11 सितंबर को अदालत ने चार्ज फ्रेम करने के संबंध में अपना निर्णय सुरक्षित रखा था। यह मामला उस कथित घोटाले से संबंधित है जो लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए 2004 से 2009 के बीच हुआ था। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, इस दौरान रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन का लेन-देन किया गया था।
सीबीआई का सबूतों पर बयान
सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, हेमा यादव, तेज प्रताप यादव और अन्य के खिलाफ चार्जशीट पेश की है। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक डी.पी. सिंह ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ चार्ज तय करने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं।
लालू यादव के वकील की दलील
लालू यादव के वकील सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने तर्क किया कि यह मामला पूरी तरह से राजनीतिक प्रेरित है। उन्होंने कहा कि सीबीआई यह साबित नहीं कर पाई है कि किसी उम्मीदवार को नौकरी देने के बदले जमीन ली गई। सभी जमीनें वैध तरीके से खरीदी गई थीं और किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ। राबड़ी देवी ने भी कहा कि उन्होंने जो जमीन खरीदी थी, उसके लिए उचित भुगतान किया गया था। किसी उम्मीदवार को अनुचित लाभ नहीं दिया गया। इन सौदों का आपस में कोई संबंध नहीं है और भ्रष्टाचार का कोई ठोस सबूत नहीं है।
जांच में क्या तथ्य सामने आए?
सीबीआई के अनुसार, जांच में यह पाया गया कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए ग्रुप डी के कुछ पदों पर भर्ती के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई थी। इस मामले में ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है, जो सीबीआई की एफआईआर पर आधारित है। अब यह देखना होगा कि 4 दिसंबर को कोर्ट चार्ज तय करती है या नहीं।