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दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, करोड़ों की हेरोइन गायब

दिल्ली के किशनगढ़ थाने से करोड़ों रुपये की हेरोइन गायब होने के मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब आलाधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की, तो हेरोइन अगले ही दिन थाने के मालखाने में मिल गई। इस घटना ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली को संदेह में डाल दिया है, बल्कि कई पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की कहानी।
 

दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल


दिल्ली में एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। दक्षिणी पश्चिमी जिले के किशनगढ़ थाने से करोड़ों रुपये की हेरोइन गायब होने की सूचना मिली है। यह हेरोइन नशा तस्करों से बरामद की गई थी और इसे थाने के मालखाने में रखा गया था।


चौंकाने वाली बात यह है कि जब आलाधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझा, तो हेरोइन अगले ही दिन थाने के मालखाने से बरामद हो गई। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह हेरोइन कब और कैसे गायब हुई। इस मामले में पुलिस उपायुक्त ने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया है और तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। इसके साथ ही विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।


मामले का विवरण

किशनगढ़ थानाक्षेत्र में एक नेपाली युवक प्रकाश की हत्या का मामला सामने आया था। उसकी हत्या उसके साथी द्वारा चाकू और कैंची से की गई थी। इस मामले की जांच थाना प्रभारी श्रीनिवास राजोरा ने इंस्पेक्टर जगजीवन राम को सौंपी थी।


जांच के दौरान, इंस्पेक्टर को मृतक के कमरे से लगभग दो किलोग्राम हेरोइन मिली, जिसकी बाजार में कीमत करीब ढाई करोड़ रुपये है। हेरोइन को बरामद करने के बाद, इसे संबंधित बीट पुलिस कर्मियों को सौंपा गया था। लेकिन उसी दिन यह संदिग्ध परिस्थितियों में गायब हो गई।


इस मामले की जानकारी इंस्पेक्टर ने एसीपी सफदरजंग एन्क्लेव को दी। जब यह मामला पुलिस उपायुक्त के पास पहुंचा, तो हेरोइन संदिग्ध हालात में फिर से बरामद हो गई। हालांकि, किसी ने यह नहीं बताया कि यह हेरोइन वहां कैसे पहुंची। पुलिस उपायुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया और बीट पर तैनात तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।