दिल्ली प्रशासन की नई जिम्मेदारी: राजीव वर्मा का अनुभव और चुनौतियाँ
दिल्ली प्रशासन का नया नेतृत्व
दिल्ली प्रशासन की कमान अब राजीव वर्मा के हाथों में है। आईआईटी से एमटेक की डिग्री प्राप्त करने वाले वर्मा के पास तीन दशकों का अनुभव है, जिसमें उन्होंने केंद्र और विभिन्न राज्यों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं।
चंडीगढ़ और पुडुचेरी से दिल्ली तक का सफर
राजीव वर्मा हाल ही में चंडीगढ़ के मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले, वे पुडुचेरी में भी इसी पद पर रह चुके हैं। इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में उन्होंने प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। चंडीगढ़ में उनकी कार्यशैली को व्यावहारिक और नियमों पर आधारित माना गया, जो उन्हें दिल्ली जैसे बड़े दायित्व के लिए उपयुक्त बनाता है।
दिल्ली से पुराना नाता
वर्मा का दिल्ली से गहरा संबंध है। 2018 से 2022 तक, वे दिल्ली सरकार में वित्त और राजस्व सचिव के रूप में कार्यरत रहे। इसके अलावा, उन्होंने परिवहन विभाग में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाई हैं। विभिन्न विभागों में सचिव और अतिरिक्त सचिव के रूप में काम करने का अनुभव उन्हें राजधानी में प्रशासन चलाने में मदद करेगा।
केंद्र सरकार में भी निभाई बड़ी भूमिकाएं
राजीव वर्मा ने अपने करियर में केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ संभाली हैं। उन्होंने रक्षा मंत्रालय, बिजली मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव और अन्य उच्च पदों पर कार्य किया है। इन मंत्रालयों में काम करने का अनुभव उन्हें दिल्ली जैसे जटिल शहर में निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा।
उम्मीदें और चुनौतियां
दिल्ली जैसे शहर में मुख्य सचिव का पद केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक और सामाजिक समन्वय का भी केंद्र है। राजीव वर्मा से उम्मीद की जा रही है कि वे अपनी व्यावहारिक सोच और नियमों के पालन के साथ दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'वे नियमों का पालन करते हैं, लेकिन व्यवहारिक दृष्टिकोण भी अपनाते हैं।' यही गुण उन्हें दिल्ली की जटिल प्रशासनिक परिस्थितियों में संतुलित बनाए रखेंगे।