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दिल्ली ब्लास्ट की जांच में एसआईटी का गठन, अल फलाह यूनिवर्सिटी पर ध्यान केंद्रित

दिल्ली में हुए ब्लास्ट के मामले में एसआईटी का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व एसीपी क्राइम वरुण दहिया कर रहे हैं। जांच का मुख्य फोकस अल फलाह यूनिवर्सिटी पर है, जहां 200 से अधिक डॉक्टरों और स्टाफ की जांच की जा रही है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के लिए यूनिवर्सिटी के चेयरमैन को लाने की योजना बनाई है। इस बीच, छात्रों के माता-पिता भी अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचेंगे। एनआईए ने संदिग्ध विस्फोटक सामग्री की बरामदगी की है, जिससे मामले की गंभीरता बढ़ गई है।
 

एसआईटी की जिम्मेदारी एसीपी क्राइम वरुण दहिया को

दिल्ली में हुए ब्लास्ट के संबंध में अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े तारों की जांच के चलते फरीदाबाद पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। इस मामले में लोकल कनेक्शन की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसकी जिम्मेदारी एसीपी क्राइम वरुण दहिया को सौंपी गई है।


अल फलाह यूनिवर्सिटी पर जांच का ध्यान

अल फलाह यूनिवर्सिटी के 200 से अधिक डॉक्टरों और स्टाफ की जांच की जा रही है। जांच एजेंसियों ने कैंपस में अस्थायी कमांड सेंटर स्थापित कर दिया है। अब तक 1,000 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है, और कई संदिग्धों ने अपने मोबाइल डेटा को डिलीट कर दिया है, जिसे पुनर्प्राप्त किया जा रहा है। हालांकि, जांच एजेंसियां अधिक जानकारी साझा नहीं कर रही हैं।


ईडी की कार्रवाई

मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों की जांच के लिए, ईडी ने गिरफ्तार चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी को यूनिवर्सिटी कैंपस लाने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य फंडिंग और छात्रों से अवैध रूप से ली गई फीस के बारे में जानकारी प्राप्त करना है।


स्टूडेंट्स के माता-पिता का पक्ष

करीब 500 मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस और अन्य कोर्सों के छात्रों के माता-पिता यूनिवर्सिटी आकर अपना पक्ष रखेंगे। चंडीगढ़ के वकील कृष्णपाल सिंह ने कहा कि माता-पिता यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनके बच्चे निर्दोष हैं और जांच के नाम पर उनके भविष्य से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।


आटा चक्की से अमोनियम नाइट्रेट का रिफाइनिंग

एनआईए की टीम ने फरीदाबाद के गांव धौज में एक टैक्सी ड्राइवर के घर से आटा-चक्की और कुछ इलेक्ट्रिकल मशीनें बरामद की हैं। यह आटा-चक्की डॉक्टर मुजम्मिल द्वारा किराए पर लिए गए कमरे में उपयोग की जाती थी, जहां से 9 नवंबर को 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक बरामद किए गए थे।


टैक्सी ड्राइवर से पूछताछ

सूत्रों के अनुसार, मुजम्मिल उस कमरे में यूरिया को आटा-चक्की में पीसकर बारीक करता था और फिर इलेक्ट्रिकल मशीन से उसे रिफाइन करता था। एनआईए ने टैक्सी ड्राइवर को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। टैक्सी ड्राइवर मूल रूप से पलवल के असवटी का निवासी है।


टैक्सी ड्राइवर का मुजम्मिल से संपर्क

एनआईए की हिरासत में मौजूद टैक्सी ड्राइवर पिछले 20 वर्षों से गांव धौज में अपनी बहन के पास रह रहा है। वह सैनिक कॉलोनी में एक छोटे बच्चों के स्कूल के लिए कैब चलाता है। सूत्रों के अनुसार, उसके छोटे बेटे पर गर्म दूध गिरने के बाद वह गंभीर रूप से झुलस गया था और उसे अल फलाह मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टर मुजम्मिल ने उसका इलाज किया।


फतेहपुर में यूरिया का भंडारण

जानकारी के अनुसार, डॉक्टर मुजम्मिल ने धौज से चार किलोमीटर दूर फतेहपुर तगा में किराए पर कमरा लेकर वहां बड़ी मात्रा में यूरिया जमा कर रखा था। 10 नवंबर को सुरक्षा एजेंसी की टीम ने उस कमरे से 2558 किलो संदिग्ध विस्फोटक बरामद किया, जिसमें अधिकांश यूरिया होने की संभावना है।