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दिल्ली ब्लास्ट: डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी से आतंक नेटवर्क का खुलासा

दिल्ली ब्लास्ट के मामले में डॉ. शाहीन सईद की गिरफ्तारी ने एक बड़े आतंकवादी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। जांच में पता चला है कि वह देश छोड़ने की योजना बना रही थी और मुस्लिम लड़कियों को भर्ती करने की योजना पर काम कर रही थी। पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए कई अन्य संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

शाहीन की गिरफ्तारी से आतंकवादी नेटवर्क का पर्दाफाश

दिल्ली में हुए ब्लास्ट के मामले में अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े आतंकियों के बारे में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में गिरफ्तार डॉ. शाहीन सईद ने धमाके के बाद देश छोड़ने की योजना बनाई थी। जानकारी के अनुसार, उन्होंने धमाके से एक सप्ताह पहले ही पासपोर्ट की वेरिफिकेशन कराई थी। अक्टूबर 2025 के अंत में पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के बाद, 3 नवंबर को फरीदाबाद पुलिस ने उनके दस्तावेजों की जांच की।


पुलिस वेरिफिकेशन में देरी से डॉ. शाहीन की गिरफ्तारी

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वेरिफिकेशन रिपोर्ट तैयार तो की गई थी, लेकिन इसे प्राथमिकता नहीं दी गई। इसी कारण डॉ. शाहीन देश नहीं छोड़ सकी। जब उनके फोन और दस्तावेज जब्त किए गए, तो अधूरी फाइलें सामने आईं। रिपोर्ट समय पर जमा न होने के कारण उनकी गिरफ्तारी ने पूरे आतंकवादी नेटवर्क को उजागर कर दिया।


मुस्लिम लड़कियों की भर्ती की योजना

सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन की योजना मुस्लिम लड़कियों को भर्ती कर हमलों के लिए तैयार करने की थी। उनकी डायरी से एक नेटवर्क का विवरण मिला है, जिसमें 25-30 लोग जम्मू-कश्मीर और फरीदाबाद से जुड़े हैं।


पुलिस की कार्रवाई और जांच

अल-फलाह यूनिवर्सिटी से आतंक का संबंध सामने आने के बाद पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। पुलिस ने शहर में मस्जिदों और आसपास के किरायेदारों की वेरिफिकेशन शुरू कर दी है। इसके अलावा, विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां यूनिवर्सिटी में जांच कर रही हैं।


15 डॉक्टरों का अंडरग्राउंड होना

यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टरों के अलावा, मौलवी इश्तियाक और एचआर विभाग के जमील को भी गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई के बाद लगभग 15 डॉक्टर अंडरग्राउंड हो गए हैं, जो अब संपर्क में नहीं आ रहे हैं।