दिल्ली, मुंबई और बिहार में बम धमकी से मचा हड़कंप: क्या है सच्चाई?
बम धमकियों से दहशत का माहौल
राष्ट्रीय समाचार: जब एक के बाद एक बम धमकियों की सूचना आई, तब पूरे दिन का माहौल बदल गया। पहले दिल्ली, फिर मुंबई और अंत में बिहार में स्थिति बिगड़ गई, जिससे लोगों में भय का माहौल बन गया। सबसे पहले दिल्ली हाईकोर्ट को एक ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें दावा किया गया कि जजों के चैंबर और परिसर में बम लगाए गए हैं। इस संदेश में पाकिस्तान और तमिलनाडु के बीच मिलीभगत का उल्लेख किया गया। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, और दिल्ली पुलिस, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड ने कोर्ट परिसर को घेर लिया। जज, स्टाफ और आगंतुकों को बाहर निकाला गया, और फायर ब्रिगेड तथा एंबुलेंस को तैनात किया गया। घंटों तक तलाशी अभियान चला, लेकिन कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
मुंबई हाईकोर्ट पर भी खतरा
मुंबई हाईकोर्ट को भी निशाना
दिल्ली के बाद, मुंबई हाईकोर्ट को भी एक धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें कोर्ट बिल्डिंग में विस्फोट करने की बात कही गई। पुलिस ने तुरंत परिसर को खाली कराया और बम निरोधक दस्ते ने डॉग स्क्वॉड के साथ जांच शुरू की। परिसर में मौजूद जजों, वकीलों और कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। सुरक्षा बलों की तैनाती की गई ताकि कोई अनहोनी न हो सके। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी। जांच के दौरान इलेक्ट्रॉनिक स्कैनिंग और मेटल डिटेक्टर का भी उपयोग किया गया।
बिहार में इंटरनेट पर धमकी का मामला
बिहार में इंटरनेट पोस्ट से सनसनी
जब दिल्ली और मुंबई में तनाव था, उसी समय बिहार में सोशल मीडिया पर एक धमकी पोस्ट की गई। इसमें कहा गया कि 12 सितंबर 2025 को शाम 4 बजे धमाका होगा, जिससे पूरे राज्य में हड़कंप मच गया। पुलिस ने इंटरनेट पर फैल रही हर पोस्ट की निगरानी शुरू कर दी और साइबर सेल को इस अकाउंट का स्रोत और लोकेशन ट्रेस करने का आदेश दिया। बिहार पुलिस ने प्रमुख इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी और रेलवे स्टेशन तथा बस अड्डों पर सघन जांच की गई। आम लोगों से अपील की गई कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
आतंकी मॉड्यूल की आशंका
आतंकी मॉड्यूल पर शक
ये धमकियां ऐसे समय आईं जब हाल ही में पांच आईएसआईएस मॉड्यूल के आतंकियों को पकड़ा गया था, जिन पर रासायनिक हथियार और आत्मघाती बम बनाने का शक था। इस कारण शुक्रवार की धमकियों को एक बड़ी साजिश से जोड़ा जा रहा है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ये धमकियां लोगों में डर और असुरक्षा पैदा करने के लिए हैं। गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस का कहना है कि इन धमकियों की भाषा और शैली आतंकवादी संगठनों के तरीके से मेल खाती है, इसलिए सतर्कता बढ़ा दी गई है।
जांच में अब तक कुछ नहीं मिला
अब तक कुछ नहीं मिला
हालांकि, अब तक की जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। अधिकारियों का मानना है कि यह शरारती तत्वों की करतूत हो सकती है। हाल के महीनों में स्कूल और संस्थानों को भी ऐसी फर्जी धमकियों का सामना करना पड़ा है। सुरक्षा एजेंसियां दोषियों की तलाश में जुटी हैं। जांच टीमें लगातार ईमेल और सोशल मीडिया पोस्ट की तकनीकी जांच कर रही हैं। आईटी विशेषज्ञ सर्वर और आईपी एड्रेस की जानकारी निकालने में लगे हैं। सुरक्षा बलों का कहना है कि जब तक खतरे की पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक वे किसी भी संभावना को नजरअंदाज नहीं करेंगे। जनता को भरोसा दिलाया गया है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।