दिल्ली में SSC परीक्षा के खिलाफ छात्रों का प्रदर्शन: पुलिस की बर्बरता पर उठे सवाल
दिल्ली में छात्रों पर पुलिस का लाठीचार्ज
दिल्ली के रामलीला मैदान में SSC परीक्षा में कथित धांधली के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों पर दिल्ली पुलिस ने बर्बरता से लाठियाँ चलाईं। यह प्रदर्शन लंबे समय से चल रहा था, जिसमें छात्र अपने भविष्य की सुरक्षा की मांग कर रहे थे। रविवार रात अचानक पुलिस ने प्रदर्शन स्थल की लाइटें बंद कर दीं और अंधेरे में प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें छात्रों को पीटे जाने के दृश्य दिखाई दे रहे हैं.
आम आदमी पार्टी का बीजेपी पर हमला
इस घटना पर आम आदमी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार और दिल्ली पुलिस पर तीखा हमला किया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जो छात्र अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे थे, उन पर लाठियाँ चलाई गईं। उन्होंने इसे बीजेपी की तानाशाही करार देते हुए कहा कि देश में सवाल पूछने वालों को दबाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन हाथों में कल किताबें होनी चाहिए थीं, आज वे चोटों से भरे हैं.
सौरभ भारद्वाज का प्रेस वार्ता में आरोप
दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने आम आदमी पार्टी के मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान इस घटना को लोकतंत्र पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में शामिल छात्र और शिक्षक शांतिपूर्वक अपनी मांग रख रहे थे, लेकिन पुलिस ने टेंट की बिजली काटकर अंधेरे में लाठीचार्ज शुरू कर दिया। सौरभ ने बताया कि सादे कपड़ों में आए पुलिसकर्मियों ने छात्रों को बेरहमी से मारा, जिससे कई छात्र घायल हो गए। छात्रों ने अपने मोबाइल फोन की लाइट जलाकर वीडियो रिकॉर्ड किए, जो अब इंटरनेट पर वायरल हैं.
छात्रों का भविष्य अधर में
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भारत के लाखों छात्र वर्षों तक कड़ी मेहनत करते हैं ताकि उन्हें सरकारी नौकरी मिल सके, लेकिन हर बार परीक्षा में भ्रष्टाचार और धांधली उनकी मेहनत को बर्बाद कर देती है। उन्होंने कहा कि जैसे NEET परीक्षा में संगठित गड़बड़ियां सामने आईं, वैसे ही SSC परीक्षा में भी वर्षों से अनियमितताएं हो रही हैं। जो छात्र पैसे और सिफारिश के बल पर नहीं खेल सकते, वे हताश होकर घर बैठने को मजबूर हैं.
दिल्ली पुलिस की दमनकारी छवि
आप नेता ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों में दिल्ली पुलिस ने हर वर्ग के लोगों पर लाठियाँ चलाई हैं—चाहे वे व्यापारी हों, डॉक्टर, छात्र, फौजी, वकील या पत्रकार। उन्होंने कहा कि बीजेपी के राज में लोकतांत्रिक विरोध को कुचलने की आदत बन गई है। किसी भी वर्ग की आवाज़ उठती है, तो पुलिस उसे दबाने में लग जाती है। यहां तक कि आम आदमी पार्टी के नेता और मंत्री भी सड़क पर घसीटे गए हैं.
प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी पर सवाल
सौरभ भारद्वाज ने शिक्षा मंत्रालय पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2025 से दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस 30% से 80% तक बढ़ा दी गई है, लेकिन किसी भी स्कूल की ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई। जब अभिभावकों ने शिक्षा मंत्री से सवाल पूछे, तो उन्हें धमकाया गया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति सिर्फ तानाशाही की मिसाल है, जहाँ सत्ता में बैठे लोग जनता की नहीं, सिर्फ अपनी सुनते हैं.
विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियाएं
पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने इस पूरी घटना को "लाठी-लीला" का नाम दिया और कहा कि मोदी सरकार रोजगार देने में सबसे पीछे, लेकिन लाठी चलवाने में सबसे आगे है। वहीं, नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे छात्रों को जमीन पर घसीट-घसीट कर पीटा गया, जो साफ दर्शाता है कि लोकतंत्र की जगह अब देश में दमन का तंत्र चल रहा है.
AAP का छात्रों को समर्थन
आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह SSC छात्रों के साथ खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी—चाहे वह कानूनी मदद हो या आंदोलन को आगे बढ़ाने में साथ देना। पार्टी ने इसे सिर्फ छात्रों का मुद्दा नहीं, बल्कि भारत के लोकतंत्र और न्याय की लड़ाई बताया है.