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दिल्ली में आतंक का नया चेहरा: 'डॉक्टर गैंग' का खुलासा

दिल्ली के लाल किले के पास हुए एक भयंकर धमाके ने देश को हिला दिया है। इस घटना के बाद 'डॉक्टर गैंग' नामक एक नए आतंकवादी मॉड्यूल का खुलासा हुआ है, जिसमें शिक्षित लोग शामिल हैं। जांच में यह सामने आया है कि इस गैंग का संबंध जैश-ए-मोहम्मद से है, जो महिलाओं को चरमपंथ की ओर धकेलने के लिए एक नया नेटवर्क बना रहा है। जानें इस खतरनाक साजिश के बारे में और कैसे यह आतंकवाद के नए चेहरे को उजागर करता है।
 

दिल्ली में धमाका: आतंकवाद का नया मॉड्यूल


नई दिल्ली: सोमवार को दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले के निकट हुए भयंकर विस्फोट ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस घटना में कई लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। जांच के दौरान, पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने न केवल विस्फोटक सामग्री बरामद की, बल्कि एक नए और खतरनाक आतंकवादी नेटवर्क का भी पता लगाया, जिसे 'डॉक्टर गैंग' के नाम से जाना जा रहा है।


डॉक्टर गैंग का खुलासा

जांच में यह सामने आया है कि इस आतंकवादी साजिश में डॉ. अदील, डॉ. मुजम्मिल, डॉ. उमर और डॉ. शाहीन जैसे शिक्षित लोग शामिल थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉ. उमर ने लाल किले के पास बम विस्फोट को अंजाम दिया, जबकि अन्य तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह गैंग जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ा हुआ है, जो अब एक नए महिला आतंकवादी नेटवर्क 'जमात-उल-मोमिनात' के माध्यम से महिलाओं को चरमपंथ की ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है।


महिला विंग का संचालन

जमात-उल-मोमिनात का नेतृत्व जैश के सरगना मसूद अजहर की बहन सादिया उर्फ सईदा अजहर कर रही हैं। इस संगठन का उद्देश्य महिलाओं को कट्टरपंथी बनाकर आतंक के रास्ते पर धकेलना है। डॉ. शाहीन इसी महिला विंग की एक सक्रिय सदस्य मानी जा रही हैं, जो भारत में LTTE की तर्ज पर महिला आतंकवादी दस्ते तैयार करने की योजना पर काम कर रही थीं।


महिलाओं की आत्मघाती फोर्स

श्रीलंका का लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) दुनिया में सबसे पहले महिला आत्मघाती दस्ते 'Birds of Freedom' का गठन किया था। इन महिला सदस्यों ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1991 में कलैवानी राजरत्नम उर्फ धनु नाम की आत्मघाती महिला ने खुद को उड़ा लिया था। LTTE की महिला विंग ने न केवल हथियार उठाए, बल्कि एंटी-टैंक युद्ध और आत्मघाती हमलों में भी भाग लिया।


डॉक्टर शाहीन की खतरनाक योजनाएं

जांच एजेंसियों के अनुसार, डॉ. शाहीन जैश की महिला विंग को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थीं। उनके पांच खतरनाक इरादे सामने आए हैं:



  • LTTE जैसी महिला आतंकी विंग का गठन करना।

  • मुस्लिम लड़कियों को जिहाद की ओर प्रेरित करना और भर्ती करना।

  • दिखावे के लिए एक दवाखाना खोलना ताकि गुप्त रूप से युवतियों को भर्ती किया जा सके।

  • गरीब लड़कियों के नाम पर आतंकवादी फंडिंग मॉड्यूल बनाना।

  • सहारनपुर और हापुड़ में आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने की कोशिश करना।


शाहीन के संपर्कों की जांच

डॉ. शाहीन के भाई डॉ. परवेज़ को पूछताछ के लिए दिल्ली लाया गया है। लखनऊ स्थित उनके घर से मिले मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क की फोरेंसिक जांच चल रही है। इसके साथ ही, शाहीन के संपर्क में रहने वाले अन्य डॉक्टरों और संदिग्धों से भी UP ATS लगातार पूछताछ कर रही है।


जैश-ए-मोहम्मद का नया मॉडल

LTTE की तरह, जैश-ए-मोहम्मद भी अब ब्लैक टाइगर्स मॉडल पर आगे बढ़ रहा है, जिसका मतलब है आत्मघाती हमलों के लिए तैयार सुसाइड स्क्वॉड। LTTE के ब्लैक टाइगर्स ने 330 से अधिक आत्मघाती हमले किए थे, जिनमें श्रीलंका के राष्ट्रपति प्रेमदासा और राजीव गांधी की हत्या भी शामिल थी। अब वही मॉडल जैश अपना रहा है, जिसके तहत महिला आत्मघाती दस्ते तैयार किए जा रहे हैं। इस साजिश की भारतीय जड़ें डॉ. शाहीन और उसके नेटवर्क से जुड़ी पाई गई हैं।