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दिल्ली में इथोपिया के ज्वालामुखी की राख का असर: क्या है स्थिति?

उत्तरी इथोपिया में सक्रिय हुए ज्वालामुखी से निकली राख अब दिल्ली तक पहुंच गई है, जिससे आसमान में धुंधलापन और वायु गुणवत्ता पर असर पड़ा है। भारतीय मौसम विभाग ने बताया है कि इसका प्रभाव सीमित रहेगा, लेकिन विमान संचालन प्रभावित हो सकता है। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
 

दिल्ली में ज्वालामुखी राख का आगमन


नई दिल्ली: उत्तरी इथोपिया में एक प्राचीन ज्वालामुखी, हैली गुब्बी, फिर से सक्रिय हो गया है, और इसकी राख अब भारत में पहुंच चुकी है। पिछले 24 घंटों में, यह राख लाल सागर और मध्य पूर्व के आसमान में फैल गई है और अब उत्तर-पश्चिमी भारत की ओर बढ़ रही है। देर रात लगभग 11 बजे, यह दिल्ली तक पहुंच गई, जिससे आसमान में धुंधलापन उत्पन्न हो गया है। राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और पंजाब जैसे कई राज्यों में राख के साथ सल्फर डाइऑक्साइड और छोटे पत्थर के कण भी फैल गए हैं।


दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर प्रभाव

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के निदेशक जनरल, एम मोहापात्रा ने बताया कि ज्वालामुखी की राख का दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर पर प्रभाव सीमित रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ऊंचाई पर होने के कारण इसका सीधा प्रभाव जमीन पर कम होगा। हालांकि, यह विमान संचालन को प्रभावित कर सकता है। आसमान धुंधला दिखाई देगा और तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है, क्योंकि राख सूर्य की किरणों को अवरुद्ध करती है।


राख की गति और ऊंचाई

मौसम विशेषज्ञ एश्वर्य तिवारी ने बताया कि राख उत्तर भारत की ओर 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रही है और इसकी ऊंचाई 15,000 से 45,000 फीट तक है। इसमें मुख्य रूप से ज्वालामुखी की राख, सल्फर डाइऑक्साइड और छोटे पत्थर या कांच के कण शामिल हैं, जो आसमान को धुंधला बना देते हैं। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता पर असर देखा गया है, और एक्यूआई स्तर 400 के आसपास पहुंच गया है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।


विमान संचालन पर प्रभाव

अधिकारियों का कहना है कि राख के गुबार के कारण भारतीय वायु क्षेत्र में विमानों के संचालन पर असर दिखना शुरू हो गया है। एयरलाइंस ने इसकी दिशा को ध्यान में रखते हुए उड़ानें रद्द करना शुरू कर दिया है। इंडिगो ने छह उड़ानों को ग्राउंड किया है, जिनमें मुंबई और दक्षिण भारत से आने-जाने वाली उड़ानें शामिल हैं।


सावधानी और भविष्य का पूर्वानुमान

IMD और मेट स्काई एक्स के विशेषज्ञों के अनुसार, राख कुछ घंटों तक आसमान में बनी रहेगी और धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी। नागरिकों को फिलहाल विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हवाई यातायात और विमान संचालन प्रभावित हो सकते हैं। मौसम विभाग इस स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और आवश्यकता पड़ने पर अपडेट प्रदान करेगा।