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दिल्ली में कार धमाके के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता रद्द

दिल्ली में एक कार धमाके ने 13 लोगों की जान ले ली, जिसके बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता को रद्द कर दिया गया। इस घटना में कई डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है, और जांच एजेंसियों ने विस्फोटक और हथियार बरामद किए हैं। जानें इस मामले की पूरी कहानी और विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया।
 

दिल्ली में धमाका: 13 लोगों की मौत


नई दिल्ली: सोमवार शाम को लाल किले के निकट एक कार में हुए विस्फोट ने 13 लोगों की जान ले ली है। इस घटना में अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम सामने आया है। एशोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी (AIU) ने इस विश्वविद्यालय की सदस्यता को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया है।


सख्त कदम उठाए गए

AIU ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है। इसके अलावा, नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (NAAC) और नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने भी कड़े कदम उठाए हैं। इस विश्वविद्यालय से जुड़े कई चिकित्सकों को दिल्ली बम धमाके के मामले में हिरासत में लिया गया है, जिनमें डॉ. उमर उन नबी, डॉ. शाहिद, डॉ. निसार-उल-हसन और डॉ. मुजम्मिल शामिल हैं।


आतंकी साजिश का खुलासा

दिल्ली और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 9 नवंबर को फरीदाबाद से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक, असॉल्ट राइफल्स, हैंडगन्स और टाइमिंग डिवाइस बरामद किए गए। धमाका उस समय हुआ जब एक ह्युंडई i20 कार लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास रुकते ही फट गई। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि कार धमाके से तीन घंटे पहले पार्किंग में खड़ी थी। मुख्य आरोपी डॉ. उमर मोहम्मद नबी, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था, इस धमाके में मारा गया। जांच में यह भी सामने आया कि यह हमला 6 दिसंबर को बड़े पैमाने पर अंजाम देने की साजिश का हिस्सा था। एनआईए ने इस मामले की जांच संभाल ली है, जबकि ईडी फंडिंग के पहलुओं की जांच कर रही है।


AIU की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया

अल-फलाह यूनिवर्सिटी, जो 2014 में हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट के तहत स्थापित हुई थी, अब विवादों में घिरी हुई है। AIU ने 13 नवंबर को एक आधिकारिक पत्र जारी कर विश्वविद्यालय की सदस्यता निलंबित कर दी। पत्र में कहा गया, "मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अल-फलाह यूनिवर्सिटी की स्थिति संतोषजनक नहीं है। इसलिए सदस्यता तुरंत प्रभाव से रद्द की जाती है।" AIU ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह अपनी वेबसाइट और सभी गतिविधियों से AIU का लोगो तुरंत हटा ले।


डॉक्टरों की गिरफ्तारी और विश्वविद्यालय का बयान

जांच में अल-फलाह स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च सेंटर के चार डॉक्टर संदिग्ध पाए गए हैं। डॉ. उमर नबी के अलावा, डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. शाहीन सईद और डॉ. निसार-उल-हसन को हिरासत में लिया गया है। डॉ. मुजम्मिल के किराए के कमरों से विस्फोटक बरामद हुए, जबकि डॉ. शाहीन पर JeM की महिलाओं के विंग को भारत में स्थापित करने का आरोप है। विश्वविद्यालय के बॉयज हॉस्टल के रूम नंबर 13 को साजिश का केंद्र बताया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, "ये डॉक्टर केवल कर्मचारी थे, संस्थान का इससे कोई लेना-देना नहीं। हम धमाके की निंदा करते हैं।" हालांकि, पुलिस ने 52 डॉक्टरों से पूछताछ की है।