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दिल्ली में कार विस्फोट: क्या फरीदाबाद का आतंकी मॉड्यूल है इसके पीछे?

दिल्ली में सोमवार को हुए कार विस्फोट की जांच में तेजी आई है, जिसमें फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल का संदिग्ध संबंध सामने आया है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना एक फिदायीन हमले का हिस्सा हो सकती है। डॉ. मोहम्मद उमर, जो इस मॉड्यूल से जुड़ा है, पर गंभीर संदेह है। विस्फोट में कम से कम आठ लोगों की मौत हुई है। जांच में कार की खरीद-फरोख्त और विस्फोटक सामग्री की पहचान की जा रही है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है।
 

दिल्ली में कार विस्फोट की जांच तेज


नई दिल्ली: सोमवार शाम को दिल्ली में हुए कार विस्फोट की जांच अब तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह घटना संभवतः एक फिदायीन हमले का हिस्सा हो सकती है। जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस हमले में फरीदाबाद के एक आतंकी मॉड्यूल का सदस्य डॉ. मोहम्मद उमर संदिग्ध है, जिसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया था।


उमर के संदिग्ध व्यवहार पर ध्यान

सूत्रों के अनुसार, जब मॉड्यूल के सदस्य डॉक्टर मुज़म्मिल शकील की गिरफ्तारी की खबर मिली, तो उमर घबरा गया। आशंका जताई जा रही है कि इसी घबराहट में उसने लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास खड़ी हुंडई i20 कार को भीड़भाड़ वाले समय में विस्फोटित कर दिया। इस धमाके में कम से कम आठ लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए हैं।


जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया कि घटना की प्रकृति फिदायीन हमले जैसी प्रतीत होती है, क्योंकि कार में बैठा व्यक्ति मौके पर मौजूद था और विस्फोट बहुत योजनाबद्ध तरीके से किया गया था।


कार की खरीद-फरोख्त की जांच

सूत्रों के अनुसार, यह कार जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी तारिक द्वारा खरीदी गई थी, जो वर्तमान में पूछताछ में है। जांच का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यह पता लगाने में लगा है कि कार कैसे- कैसे हाथ बदलते हुए अंततः उमर तक पहुंची। प्रारंभिक रिकॉर्ड बताते हैं कि कार पहले मोहम्मद सलमान के नाम पर थी, फिर नदीम, फिर फरीदाबाद के एक पुराने कार डीलर रॉयल कार ज़ोन, उसके बाद तारिक और अंत में उमर के पास पहुँची। इतनी बार कार के मालिक बदलना जांच को और संदिग्ध बनाता है।


विस्फोट से पहले कार में लगाए गए विस्फोटक

खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, कार में पहले से ही विस्फोटक लगाए गए थे। इसे जानबूझकर भीड़-भाड़ वाली जगह पर ले जाया गया। शाम करीब 6:52 बजे कार में तेज धमाका हुआ, जिससे आग की लपटें कई फीट ऊपर उठीं और आसपास के वाहन व दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि इलाके की स्ट्रीट लाइटें भी बुझ गईं।


सीसीटीवी फुटेज में कथित तौर पर उमर को विस्फोट से कुछ घंटे पहले कार में बैठे देखा गया। सूत्रों का दावा है कि घटना के समय कार में वह अकेला था, हालांकि इस पर आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।


विस्फोटक सामग्री की फोरेंसिक जांच

जांच से जुड़े अधिकारियों को संदेह है कि कार में ANFO (अमोनियम नाइट्रेट + फ़्यूल ऑयल) जैसे विस्फोटक का प्रयोग किया गया होगा, जो औद्योगिक विस्फोटकों में आमतौर पर इस्तेमाल होता है। एनएसजी और फोरेंसिक विशेषज्ञों ने विस्फोट स्थल से कई नमूने एकत्र किए हैं। इन नमूनों की जांच से यह तय होगा कि विस्फोटक किस प्रकार के थे और कैसे लगाए गए थे। कार से बरामद जले हुए शव का DNA टेस्ट कराया जा रहा है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वह वास्तव में उमर था या कोई और।


फरीदाबाद मॉड्यूल की भूमिका की जांच

सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद मॉड्यूल को इस हमले की साजिश और सामग्री की आपूर्ति में मुख्य भूमिका निभाने का संदेह है। हाल ही में पुलिस ने इस मॉड्यूल से जुड़े ठिकानों से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, 2500 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री और कई इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर बरामद किए थे। अधिकारियों का कहना है कि यही नेटवर्क दिल्ली में बड़े आतंकी हमलों की योजना बना रहा था।