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दिल्ली में कुट्टू के आटे से स्वास्थ्य संकट: जानें क्या है मामला?

दिल्ली में कुट्टू का आटा खाने के बाद स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हुआ, जिसमें 150 से 200 लोग उल्टी और दस्त की समस्या के साथ अस्पताल पहुंचे। हालांकि, मरीजों की स्थिति अब स्थिर है। कुट्टू का आटा एक पौष्टिक और ग्लूटेन-फ्री विकल्प है, जो विशेष रूप से व्रत के दिनों में उपयोग किया जाता है। जानें इसके फायदे और सुरक्षित रखने के उपाय।
 

दिल्ली में कुट्टू का आटा खाने से स्वास्थ्य समस्या

दिल्ली कुट्टू आटा समाचार: दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में कुट्टू का आटा खाने के बाद अचानक स्वास्थ्य संकट उत्पन्न हो गया है। जहांगीरपुरी, महेन्द्रा पार्क, समयपुर, भलस्वा डेरी, लाल बाग और स्वरूप नगर जैसे इलाकों में लगभग 150 से 200 लोग उल्टी और दस्त की समस्या के साथ अस्पताल पहुंचे। यह घटना 23 सितंबर की सुबह करीब 6:10 बजे हुई, जब थाना जहांगीरपुरी को सूचित किया गया कि बड़ी संख्या में लोग कुट्टू का आटा खाने के बाद अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं। उल्टियों और दस्त के कारण उनकी स्थिति बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।


मरीजों की स्थिति अब स्थिर

हालांकि, बीजआरएम अस्पताल ने स्पष्ट किया है कि मरीजों की स्थिति अब स्थिर है और किसी को भी अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। उत्तर-पश्चिम जिला DCP ने बताया कि दुकानदारों और स्थानीय निवासियों को सतर्क कर दिया गया है, और खाद्य विभाग को भी इस मामले की जानकारी दी गई है। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि यह घटना किसी बड़े स्वास्थ्य संकट का रूप नहीं ले पाई और सभी मरीज अब ठीक हैं।


कुट्टू का आटा: फायदे और उपयोग

कुट्टू का आटा एक पौष्टिक और ग्लूटेन-फ्री विकल्प है, जिसे विशेष रूप से व्रत के दिनों में, जैसे नवरात्रि के दौरान उपयोग किया जाता है। इसका स्वाद हल्का नटी होता है, और यह प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, आयरन, और विटामिन B से भरपूर होता है। यह आटा रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है, और इसकी उच्च फाइबर सामग्री पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है। कुट्टू का आटा आमतौर पर पूरी, चीला, पकौड़े, खिचड़ी और डोसा बनाने में उपयोग किया जाता है। हालांकि, यह जल्दी खराब हो सकता है, इसलिए ताजा आटा खरीदने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, यदि किसी को पहली बार कुट्टू के आटे से एलर्जी हो, तो सावधानी बरतनी चाहिए।


सुरक्षित रखने के उपाय

कुट्टू का आटा अगर ठंडी और सूखी जगह पर स्टोर किया जाए तो यह लंबे समय तक सुरक्षित रहता है। फिर भी, इस घटना से यह स्पष्ट हुआ कि कभी-कभी खराब गुणवत्ता या पुराने आटे से भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे ताजे और गुणवत्ता वाले आटे का ही सेवन करें।