दिल्ली में धमाकों की साजिश: NIA की जांच में चौंकाने वाले खुलासे
दिल्ली में ब्लास्ट की साजिश का पर्दाफाश
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली में हुए बम विस्फोटों की जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा किया है। पूछताछ में यह सामने आया है कि आरोपियों ने राजधानी में एक साथ कई स्थानों पर धमाके करने की योजना बनाई थी। इस साजिश में न केवल स्थानीय मॉड्यूल शामिल थे, बल्कि विदेशी संपर्क और फंडिंग चैनल भी जुड़े हुए थे, जिससे यह नेटवर्क और अधिक जटिल हो गया है।
मुख्य आरोपी की गतिविधियाँ
मुजम्मिल ने 6.5 लाख में खरीदी AK-47
जांच के अनुसार, मुख्य आरोपी मुजम्मिल ने एक AK-47 राइफल लगभग 6.5 लाख रुपये में खरीदी थी। यह हथियार आदिल के नाम पर लिए गए लॉकर से बरामद हुआ, जिसने जांच की दिशा को बदल दिया और संकेत दिया कि आरोपी लंबे समय से हथियारों की खरीद-फरोख्त और आतंकी गतिविधियों में संलग्न थे।
अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का खुलासा
कई देशों तक फैला हुआ है नेटवर्क
NIA की पूछताछ में यह भी पता चला कि मुजम्मिल का हैंडलर मन्सूर था, और वह उमर हाशिम से निर्देश लेता था। इन दोनों की निगरानी एक व्यक्ति इब्राहिम द्वारा की जा रही थी। जांच एजेंसी का कहना है कि यह नेटवर्क कई देशों में फैला हुआ है और इसकी जड़ें उन तत्वों तक जाती हैं जो भारत में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने का प्रयास कर रहे थे।
यात्रा और प्रशिक्षण की योजना
2022 में मुजम्मिल, आदिल और मुजफ्फर गए थे तुर्की
जांच में यह भी सामने आया कि 2022 में मुजम्मिल, आदिल और मुज़फ़्फर ओकासा के निर्देश पर तुर्की गए थे। उनका उद्देश्य अफगानिस्तान पहुंचना था, जहां उन्हें आतंकी प्रशिक्षण दिए जाने की संभावना थी। हालांकि, तुर्की पहुंचने के कुछ दिन बाद संपर्क व्यक्ति ने अफगानिस्तान भेजने से इनकार कर दिया, जिससे यह योजना अधूरी रह गई।
ओकासा की संदिग्ध भूमिका
ओकासा की भूमिका अत्यंत संदिग्ध
जांच में ओकासा नामक व्यक्ति की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। बताया गया है कि उसका संबंध पाकिस्तान आधारित प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से है। मुज़म्मिल द्वारा अपने हैंडलर के बारे में पूछे जाने के बाद ओकासा ने बातचीत बंद कर दी, जिससे उसकी मंशा और अधिक संदिग्ध हो गई।
बम निर्माण की तैयारी
उमर की बम निर्माण की तैयारी
उमर की गतिविधियों की जांच में पता चला कि वह इंटरनेट पर बम बनाने से संबंधित सामग्री पढ़कर विस्फोटक तैयार करने की तकनीक सीख रहा था। उसने विस्फोटक बनाने के लिए आवश्यक रसायन नूंह से खरीदे और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दिल्ली के भागीरथ पैलेस और फरीदाबाद के NIT मार्केट से जुटाए। उसकी इस सक्रियता को सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े खतरे के रूप में देखा है।
अल फलाह यूनिवर्सिटी में विवाद
अल फलाह यूनिवर्सिटी में विवाद
NIA की जांच में यह जानकारी मिली कि अल फलाह यूनिवर्सिटी में उमर और मुज़म्मिल के बीच पैसों को लेकर गंभीर विवाद हुआ था। इस विवाद के बाद उमर ने अपनी रेड इकोस्पोर्ट्स कार मुज़म्मिल को दे दी थी, जो उनके आपसी संबंधों और आपराधिक योजना को लेकर संकेत देती है।
विस्फोटक सामग्री का भंडारण
डीप फ्रीजर में विस्फोटक स्टोर करने का तरीका
जांच में यह सामने आया कि उमर ने एक डीप फ्रीजर खरीदा था, जिसमें वह रसायन और विस्फोटक सामग्री जमा करके केमिकल बम तैयार कर रहा था। फ्रीजर को उसने एक सुरक्षित स्थान के रूप में इस्तेमाल किया, ताकि विस्फोटक सामग्री नज़र से दूर रहे।
दिल्ली में धमाकों की योजना
दिल्ली में मल्टी-लोकेशन ब्लास्ट की बड़ी साजिश
पूरी जांच से स्पष्ट हुआ कि आरोपी दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर एक ही समय में धमाके करने की योजना बना चुके थे। सभी विस्फोटकों को पहले एक गुप्त स्थान पर इकट्ठा किया जाना था और फिर निर्धारित समय पर राजधानी के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर धमाके करने का इरादा था। NIA इस पूरे मॉड्यूल की हर स्तर पर जांच कर रही है, ताकि विदेशी संपर्क, फंडिंग चैनल और स्थानीय सहयोगियों की पहचान की जा सके। यह नेटवर्क सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक गंभीर चुनौती बनकर उभरा है।