दिल्ली में नवरात्रि के दौरान कुट्टू के आटे से बीमार हुए लोग
दिल्ली में कुट्टू के आटे से फूड पॉइजनिंग का मामला
नई दिल्ली: नवरात्रि के अवसर पर व्रत रखने वाले लोगों के लिए कुट्टू का आटा इस बार समस्या बन गया है। उत्तर-पश्चिम दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों जैसे जहांगीरपुरी, महेंद्र पार्क, समयपुर, भलस्वा डेरी, लाल बाग और स्वरूप नगर में सोमवार सुबह लगभग 150 से 200 लोग अचानक बीमार पड़ गए। सभी मरीजों को उल्टी और दस्त की शिकायत के बाद नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
उत्तर-पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने बताया कि सुबह करीब छह बजकर 10 मिनट पर जहांगीरपुरी थाने को सूचना मिली कि बड़ी संख्या में लोग कुट्टू का आटा खाने के बाद अस्वस्थ हो रहे हैं। यह खबर तेजी से फैल गई और स्थानीय लोग उस दुकानदार के पास इकट्ठा हो गए, जिससे उन्होंने आटा खरीदा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।
सिंह ने कहा कि सूचना मिलते ही खाद्य विभाग को सतर्क कर दिया गया है। पुलिस कर्मियों और सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से इलाके के लोगों और दुकानदारों को सावधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह मामला गंभीर है, लोगों की सेहत से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच पूरी होने तक संबंधित दुकानदारों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।”
बीजेआरएम अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विशेष यादव ने बताया कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में अचानक 150-200 लोग पहुंचे। सभी को उल्टी और दस्त की शिकायत थी, लेकिन किसी की हालत गंभीर नहीं थी। उन्होंने कहा, “सभी मरीजों को प्राथमिक उपचार और दवाइयां देकर घर भेज दिया गया। यह स्पष्ट रूप से फूड पॉइजनिंग का मामला प्रतीत होता है।” खाद्य सुरक्षा विभाग ने आटे के नमूने एकत्र कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, यह पता लगाया जाएगा कि कहीं आटा एक्सपायरी तो नहीं था या इसमें मिलावट तो नहीं थी। रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारी तय होगी।
घटना के बाद प्रभावित क्षेत्रों में अफरा-तफरी का माहौल है। लोग कुट्टू का आटा खरीदने से बच रहे हैं और दुकानदार ग्राहकों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि उनका सामान सुरक्षित है। वहीं, कई परिवारों ने एहतियातन पहले से खरीदा आटा फेंक दिया है। नवरात्रि के दौरान उपवास रखने वाले लोग बड़े पैमाने पर कुट्टू का आटा, साबूदाना और सिंघाड़ा जैसे अनाज का उपयोग करते हैं। इस घटना ने न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से बल्कि धार्मिक आस्थाओं के बीच भी चिंता का विषय बना दिया है।