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दिल्ली में पुराने वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध का फैसला आज होगा

दिल्ली में आज पुराने वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध के संबंध में एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। राज्य सरकार ने केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से चर्चा करने का अनुरोध किया है, जिसमें लगभग 62 लाख वाहन प्रभावित होंगे। पिछले शुक्रवार को इस प्रतिबंध को रोकने का निर्णय लिया गया था, क्योंकि सरकार का मानना है कि तकनीकी प्रणाली अभी तैयार नहीं है। बैठक में दो मुख्य मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसमें पुरानी गाड़ियों को ईंधन न देने का आदेश शामिल है। जानें इस बैठक का क्या असर होगा और क्या सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।
 

दिल्ली सरकार की अपील

दिल्ली में पुराने वाहनों के लिए ईंधन प्रतिबंध पर आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा सकता है। राज्य सरकार ने केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से चर्चा करने का अनुरोध किया है, जिसमें लगभग 62 लाख वाहन प्रभावित होंगे। दरअसल, दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल न देने के आदेश को फिलहाल रोक दिया है। आज CAQM की बैठक में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से संबंधित निर्णय लिया जा सकता है।


मामले का विवरण

पिछले शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों पर रोक के फैसले को स्थगित कर दिया था। सरकार का मानना है कि यह कार्य कठिन है और तकनीकी प्रणाली अभी तैयार नहीं है। उनका कहना है कि कोई भी गाड़ी 10 या 15 साल पुरानी होने के कारण उसे कबाड़ नहीं माना जा सकता। सही मापदंड यह होना चाहिए कि उस गाड़ी से वायु में कितना प्रदूषण फैल रहा है।


बैठक की संभावना

CAQM के अधिकारियों के अनुसार, आज दोपहर 3:30 बजे बैठक होने की संभावना है। यह बैठक वायु गुणवत्ता आयोग की होगी, जिसमें CAQM के सदस्य और एनसीआर के सरकारी प्रतिनिधि शामिल हो सकते हैं। इस चर्चा में दो मुख्य मुद्दों पर विस्तार से बात की जाएगी: पहला, पुरानी गाड़ियों को ईंधन न देने का आदेश और दूसरा, दिल्ली सरकार का पत्र, जिसमें इस आदेश को रोकने की अपील की गई है।


CAQM का अधिकार

CAQM के पास गाड़ियों को जब्त करने का अधिकार नहीं है। यह एक केंद्रीय आयोग है, जो एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने का कार्य करता है। गाड़ियों को जब्त करने का अधिकार दिल्ली का परिवहन विभाग, आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस के पास है।


रोक के तहत वाहन

दिल्ली सरकार ने लगभग 62 लाख पुराने वाहनों पर रोक का आदेश दिया था, जिसमें 41 लाख दोपहिया और 18 लाख चार पहिया वाहन शामिल हैं। हालांकि, यदि सरकार को आवश्यकता महसूस होती है, तो वह आज की बैठक के बाद सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटा सकती है।