दिल्ली में प्रदूषण और कोहरे का कहर: उड़ानें रद्द, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर से घने कोहरे और अत्यधिक वायु प्रदूषण की चपेट में है। शुक्रवार को सुबह से ही शहर की गतिविधियाँ ठप हो गईं, और आने वाले वीकेंड के लिए स्थिति और बिगड़ने की आशंका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार के लिए कोहरे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के अनुसार, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार जाकर 'सीवियर' श्रेणी में पहुँच सकता है।
उड़ानों पर कोहरे का प्रभाव
शुक्रवार को घने कोहरे और प्रदूषण ने दिल्ली के लिए एक बड़ी चुनौती उत्पन्न की। कोहरे के कारण 700 से अधिक उड़ानों पर असर पड़ा, जिसमें से कम से कम 177 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। इनमें 88 डिपार्चर और 89 अराइवल शामिल थीं, जिनमें दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी थीं। सुबह 5:30 बजे सफदरजंग मौसम केंद्र पर दृश्यता शून्य दर्ज की गई, जबकि पालम में विजिबिलिटी घटकर केवल 50 मीटर रह गई, जिसके चलते IMD ने तड़के रेड अलर्ट जारी किया।
वायु गुणवत्ता की स्थिति
वायु गुणवत्ता के संदर्भ में, शुक्रवार शाम 4 बजे तक दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 374 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। हालांकि, सुबह के समय यह आंकड़ा बढ़कर 382 तक पहुँच गया, जो 'सीवियर' स्तर के बेहद करीब था। राजधानी के 40 में से 11 एयर मॉनिटरिंग स्टेशन गंभीर श्रेणी में दर्ज किए गए। सबसे खराब स्थिति विवेक विहार में रही, जहाँ AQI 434 तक पहुँच गया, जबकि आनंद विहार में यह 430 दर्ज किया गया।
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
यह लगातार नौवां दिन है जब दिल्ली की हवा 'बहुत खराब' या 'गंभीर' श्रेणी में बनी हुई है। गुरुवार को शुरू की गई सख्त वाहन जांच मुहिम के बावजूद प्रदूषण में कोई खास सुधार नहीं दिखा। हजारों चालान काटे गए, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार की तात्कालिक नीतियों को 'पूरी तरह विफल' करार दिया था।
मौसम की स्थिति
मौसम के मोर्चे पर, शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से थोड़ा अधिक था, जबकि अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री के बीच रह सकता है। तापमान में गिरावट से 'इनवर्जन इफेक्ट' बढ़ने की आशंका है, जिससे प्रदूषक कण निचली सतह पर फंस जाते हैं और प्रदूषण और गंभीर हो जाता है।
विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गति और मौसम की परिस्थितियाँ प्रदूषण के स्तर को निर्धारित करेंगी। वहीं, दिसंबर में अब तक बारिश न होना भी हालात को और बिगाड़ रहा है। सफदरजंग स्टेशन पर इस महीने अब तक एक बूंद बारिश दर्ज नहीं की गई है, जिससे हवा में मौजूद प्रदूषक साफ नहीं हो पा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि वह अल्पकालिक उपायों के बजाय दीर्घकालिक और ठोस सुधारों पर ध्यान दे। अदालत ने शहरी परिवहन, औद्योगिक उत्सर्जन और पराली जलाने जैसे मुद्दों पर दिल्ली, यूपी, हरियाणा और राजस्थान के समन्वित प्रयासों पर जोर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।