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दिल्ली में प्रदूषण का संकट: वायु गुणवत्ता 'गंभीर' स्तर पर पहुंची

दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है, और कई क्षेत्रों में AQI 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गया है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहन उत्सर्जन और पराली जलाना शामिल हैं। ठंड के मौसम ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी है। जानें इस संकट के पीछे के कारण और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में।
 

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में गिरावट


नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन 'बहुत खराब' श्रेणी में बनी हुई है, जबकि कई मॉनिटरिंग स्टेशनों ने रविवार को 'गंभीर' स्तर को भी पार कर लिया। सप्ताह के मध्य में थोड़े सुधार के बाद, शनिवार और रविवार को प्रदूषण के स्तर में फिर से तेजी से वृद्धि हुई। सुबह 7 बजे जारी सीपीसीबी के आंकड़ों ने इस संकट को स्पष्ट रूप से उजागर किया।


दिल्ली के कई प्रमुख क्षेत्रों का AQI 400 के पार पहुंच गया है, जो हवा की गुणवत्ता के लिए अत्यंत खतरनाक स्तर को दर्शाता है। अन्य स्थानों पर भी हवा 'बहुत खराब' श्रेणी से नीचे नहीं आ सकी, जिससे लोगों में स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं और बढ़ गई हैं।


कई क्षेत्रों में AQI 'गंभीर' स्तर पर

रीयल-टाइम CPCB डेटा के अनुसार:



  • बवाना का AQI 436


  • वजीरपुर 435


  • अशोक विहार और रोहिणी 422


  • चांदनी चौक और नरेला 420


  • विवेक विहार 423


  • आनंद विहार और सोनिया विहार 412


  • मुंडका और बुराड़ी 405



इन क्षेत्रों में हवा 'सीवियर' श्रेणी में बनी रही। द्वारका (378), लोदी रोड (362), आरके पुरम (393), IGI एयरपोर्ट (338) और ITO (417) जैसे कई स्थान 'बहुत खराब' श्रेणी में बने रहे।


सप्ताहांत में सुधार की उम्मीदें धूमिल

शुक्रवार को दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 387 दर्ज किया गया था, जिससे शहर कुछ समय के लिए 'सीवियर' श्रेणी से बाहर आया था। शनिवार को यह 386 रहा, लेकिन फिर भी 16 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने 'गंभीर' स्तर रिकॉर्ड किया, जो यह दर्शाता है कि राजधानी की हवा अभी भी गंभीर रूप से प्रभावित है।


PM2.5 और PM10 प्रदूषण के मुख्य कारण

CPCB के अनुसार, दिल्ली की हवा में PM2.5 और PM10 प्रमुख प्रदूषक बने हुए हैं। IITM, पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के अनुमान के अनुसार:



  • शनिवार को पराली जलने से दिल्ली के प्रदूषण में 16.3% योगदान रहा।


  • वाहनों के उत्सर्जन का हिस्सा 18.3% रहा।


  • रविवार को पराली का योगदान घटकर 14.5% रहने का अनुमान है। उपग्रह आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को पंजाब में 104, हरियाणा में 24 और उत्तर प्रदेश में 129 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गईं।



ठंड का प्रदूषण पर प्रभाव


  • दिल्ली में शनिवार को मौसम ने भी बदलाव दिखाया और इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह दर्ज की गई।


  • न्यूनतम तापमान: 9.7°C, जो सामान्य से 3.8°C कम रहा।


  • अधिकतम तापमान: 26.6°C, जो सामान्य से नीचे रहा।



IMD के अनुसार, पिछले वर्ष नवंबर का न्यूनतम तापमान 9.5°C (29 नवंबर) था, जबकि 2023 में 9.2°C (23 नवंबर) दर्ज किया गया। रविवार को हल्की धुंध के साथ दिन में तापमान 25°C और रात में 10°C के आसपास रहने का अनुमान है।


हवा की स्थिति में और गिरावट

विशेषज्ञों का मानना है कि गिरते तापमान, शांत हवाओं और लगातार बढ़ते उत्सर्जन का सम्मिलित प्रभाव आने वाले दिनों में हवा को और खराब कर सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगियों को बाहरी गतिविधियों को कम करने की सलाह दी है, क्योंकि हवा फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच रही है।