दिल्ली में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ा, एक्यूआई 400 के पार
नए साल पर हल्की बारिश की उम्मीद, प्रदूषण में कमी की संभावना
दिल्ली प्रदूषण (नई दिल्ली): राष्ट्रीय राजधानी की हवा इस समय अत्यधिक प्रदूषित है, जो पिछले दो महीनों से लगातार बनी हुई है। ग्रेप चार के तहत लागू पाबंदियों और सरकारी प्रयासों के बावजूद, प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है। इससे विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। हाल के दिनों में कोहरे के कारण प्रदूषण में और वृद्धि हुई है, जिससे कई क्षेत्रों में एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
सोमवार को पूरे दिन स्मॉग की मोटी परत छाई रही, जिससे दृश्यता में कमी आई। राजधानी में 401 का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दर्ज किया गया, जिससे यह प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर रहा। नोएडा में एक्यूआई 410 तक पहुंच गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है। दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों जैसे जहांगीरपुरी (459), नेहरू नगर (439), आनंद विहार (455), और मुंडका (422) में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक रहा।
वाहनों का प्रदूषण में बड़ा योगदान
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण का मुख्य कारण सड़क पर चलने वाले वाहन हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, वाहनों से होने वाला प्रदूषण 15.12 प्रतिशत है। इसके अलावा, पेरिफेरल उद्योगों से 7.03 प्रतिशत, आवासीय क्षेत्रों से 3.68 प्रतिशत, निर्माण गतिविधियों से 2.07 प्रतिशत और सड़क से उड़ने वाली धूल से 1.08 प्रतिशत प्रदूषण का योगदान है।
कोहरे के कारण प्रदूषण में वृद्धि
विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर वायु गुणवत्ता का मुख्य कारण मौसम की स्थिति है। तापमान में गिरावट और लगातार कोहरे के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। इन कारणों से उत्पन्न खतरनाक गैसें वायुमंडल में फैलने के बजाय नीचे ही रुक गई हैं, जिससे लोगों को कठिनाई हो रही है।
मौसम में बदलाव की उम्मीद
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से दिल्ली और उत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। यदि बारिश होती है, तो इससे प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है। अन्यथा, दिल्ली के लोग नए साल का स्वागत जहरीली हवा में करने के लिए मजबूर होंगे।