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दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर स्थिति: बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में कठिनाई

दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती जा रही है, जहां एक्यूआई कई क्षेत्रों में 300 से ऊपर जा चुका है। बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने प्रदूषण कम करने के उपायों के तहत ट्रक-माउंटेड वॉटर स्प्रिंकलर तैनात किए हैं। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री से तत्काल कार्रवाई की अपील की है। जानें इस विषय में और क्या हो रहा है।
 

दिल्ली में प्रदूषण का बढ़ता संकट


दिल्ली में वायु गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। कई क्षेत्रों में एक्यूआई 300 से ऊपर पहुंच चुका है, जबकि कुछ स्थानों पर यह 400 के पार है। इस स्थिति के कारण बच्चों और बुजुर्गों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, दिल्ली में ग्रैप के नियम लागू हैं और पुराने डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है, फिर भी प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।


केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। कई क्षेत्रों में एक्यूआई 300 के पार जा चुका है, जिसे 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया है। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने कर्तव्य पथ के आसपास ट्रक-माउंटेड वॉटर स्प्रिंकलर तैनात किए हैं।


दिल्ली की हवा की गुणवत्ता की स्थिति

सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई मॉनिटरिंग स्टेशनों ने हवा की गुणवत्ता को 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया है, जबकि कुछ स्थानों पर 'बहुत खराब' श्रेणी देखी गई है। सुबह आठ बजे आनंद विहार (298), अलीपुर (258), अशोक विहार (404), चांदनी चौक (414), द्वारका सेक्टर-8 (407), आईटीओ (312), मंदिर मार्ग (367), ओखला फेज-2 (382), पटपड़गंज (378), पंजाबी बाग (403), आरके पुरम (421), लोधी रोड (364), रोहिणी (415), और सिरीफोर्ट (403) में एक्यूआई दर्ज किया गया। इनमें से अधिकांश रीडिंग ने शहर को 'गंभीर' या 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा। एम्स और आस-पास के क्षेत्रों में एक्यूआई 421 दर्ज किया गया है।


प्रियंका गांधी की अपील

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री से इस गंभीर स्थिति को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के नागरिक हर साल इस प्रदूषण का शिकार होते हैं और उनके पास कोई उपाय नहीं है। सांस की समस्याओं से जूझ रहे लोगों, स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों के लिए इस प्रदूषण को कम करने के लिए तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।