×

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति: एक्यूआई 450 के पार

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति इस साल गंभीर बनी हुई है, जहां एक्यूआई 463 तक पहुंच गया है। दिसंबर में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब रही है, और इस महीने एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब एक्यूआई 200 से नीचे आया हो। प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहनों का धुआं और उद्योगों से निकलने वाला धुआं शामिल हैं। जानें इस संकट के पीछे के कारण और इसके प्रभावों के बारे में अधिक जानकारी के लिए पूरा लेख पढ़ें।
 

दिल्ली में प्रदूषण का गंभीर संकट


दिसंबर में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी रही


दिल्ली में अक्टूबर से शुरू हुआ प्रदूषण का संकट दिसंबर के अंत तक जारी है। सर्दियों की शुरुआत होते ही प्रदूषण में तेजी से वृद्धि होती है, जिससे राजधानी एक गैस चैंबर में बदल जाती है। इस वर्ष स्थिति पिछले साल की तुलना में अधिक गंभीर है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, आज दिल्ली का एक्यूआई 463 है, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है।


एक्यूआई का रेड जोन में रहना

दिसंबर का महीना समाप्त होने को है, लेकिन दिल्ली की हवा अब भी जहरीली बनी हुई है। इस महीने एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 से नीचे आया हो। सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में लगभग 20 दिन ऐसे रहे हैं जब हवा की गुणवत्ता रेड जोन में दर्ज की गई।


दिसंबर में प्रदूषण की स्थिति

इस साल दिसंबर में प्रदूषण की स्थिति बहुत खराब रही है। 1 से 8 दिसंबर तक एक्यूआई लगातार 300 से ऊपर रहा। केवल दो दिनों के लिए थोड़ी राहत मिली, जब एक्यूआई खराब श्रेणी में आया, लेकिन 11 दिसंबर से प्रदूषण फिर से रेड जोन में लौट आया। सीपीसीबी के मानकों के अनुसार, एक्यूआई 0 से 50 के बीच अच्छा, 51 से 100 संतोषजनक, 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बहुत खराब और 401 से 500 गंभीर माना जाता है।


दिल्ली में प्रदूषण के कारण

कुछ साल पहले तक, प्रदूषण का मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों में धान के अवशेषों में आग लगाना माना जाता था। लेकिन इस बार, पड़ोसी राज्यों ने धान के अवशेष प्रबंधन के वैज्ञानिक उपाय किए हैं, जिससे धुआं कम उत्पन्न हुआ है। वर्तमान में, दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं, उद्योगों से निकलने वाला धुआं, धूल-मिट्टी के कण और कूड़े में आग लगाना है। विशेषज्ञों का कहना है कि वाहनों का धुआं दिल्ली के प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक है।


अतिरिक्त जानकारी

ये भी पढ़ें: Weather Update : उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में 27 तक घने कोहरे का अलर्ट