दिल्ली में प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन: नक्सली नारों और मिर्ची स्प्रे हमले की जांच में जुटी पुलिस
प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की नई जानकारी
नई दिल्ली: दिल्ली में रविवार को इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ हुए प्रदर्शन में नक्सली नारों और पुलिस पर मिर्ची स्प्रे के हमले की घटनाओं के बारे में नई जानकारी सामने आई है। दिल्ली पुलिस को इस मामले में एक सुनियोजित साजिश की आशंका है। इस घटना के बाद पुलिस ने 22 छात्रों को गिरफ्तार किया है और उनके मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए गए हैं। इसके साथ ही, एक सप्ताह पहले बनाए गए वॉट्सऐप ग्रुप की चैट्स की भी जांच की जा रही है।
प्रदर्शनकारियों की हिंसक गतिविधियाँ
प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में छात्र इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए थे। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक को रोक दिया, जिससे कई एंबुलेंस भी फंस गईं। जब पुलिस ने भीड़ को हटाने का प्रयास किया, तो कुछ लोगों ने मिर्ची स्प्रे से हमला किया और नक्सल कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाए। अब पुलिस इस घटना को एक संगठित योजना के रूप में देख रही है।
मिर्ची स्प्रे और अन्य सामग्री की बरामदगी
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों ने न केवल झड़प की, बल्कि मिर्ची स्प्रे का भी इस्तेमाल किया। पुलिस ने 15 घायल पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं, जिन्हें हमले के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिकारियों के अनुसार, हमलावरों के पास 6 मिर्ची स्प्रे की बोतलें और पिन थीं, जो यह दर्शाती हैं कि वे किसी योजना के तहत आए थे।
वॉट्सऐप ग्रुप के माध्यम से योजना का संकेत
क्या वॉट्सऐप ग्रुप ने की योजना?
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी गिरफ्तार छात्र न्यायिक हिरासत में हैं और उनके फोन की फोरेंसिक जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी हिमखंड और भगत सिंह छात्र एकता मंच से जुड़े थे। वे दो वॉट्सऐप ग्रुप में सक्रिय थे, जिनमें से एक पिछले सप्ताह बनाया गया था, जिसमें 340 सदस्य शामिल थे। ऐसा प्रतीत होता है कि अवैध गतिविधियों की योजना के लिए इसे तैयार किया गया था।
पुलिस की कार्रवाई और एफआईआर
पहले भी हुई हैं गिरफ्तारियाँ
अधिकारियों का कहना है कि इन संगठनों से जुड़े कुछ लोगों को पहले भी विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिया जा चुका है। लेकिन इस बार मामला काफी गंभीर हो गया है। वॉट्सऐप ग्रुप चलाने वालों में से कई अब पुलिस की हिरासत में हैं। दो एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिसमें नक्सली नारों के बाद भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 197 जोड़ी गई है।
डीसीपी देवेश कुमार महला के अनुसार, महिलाओं पर हमले, सरकारी काम में बाधा डालने, वैध आदेशों की अवहेलना और आपराधिक साजिश के आरोपों में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। छात्रों द्वारा नक्सली नेता के समर्थन में नारे लगाने के बाद BNS की धारा 197 भी जोड़ी गई है।
सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी
एचटी द्वारा समीक्षा की गई दूसरी एफआईआर में कहा गया है कि 18-20 छात्रों ने संसद मार्ग थाने के मुख्य गेट को ब्लॉक किया और सरकार व पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। एफआईआर के अनुसार, वे प्रदूषण और माडवी हिडमा की मौत के खिलाफ, नक्सलवाद और आतंकवाद के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे।