दिल्ली में बाढ़ का संकट: यमुना का जलस्तर बढ़ा, 10,000 लोग विस्थापित
दिल्ली में बाढ़ की स्थिति
दिल्ली में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर चुकी है। इससे स्थानीय निवासियों के घरों में पानी भर गया है, जिससे उनकी जीवनशैली प्रभावित हो गई है। प्रभावित लोगों को मयूर विहार फेस-1 में स्थापित राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। इसके अलावा, गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम की सड़कों पर भी गंभीर जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
यमुना का जलस्तर और बाढ़ का खतरा
दिल्ली में बाढ़ का प्रकोप
हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से मंगलवार सुबह एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो रात 10 बजे तक बढ़कर दो लाख क्यूसेक के करीब पहुंच गया। अधिकारियों का मानना है कि अगले कुछ दिनों में नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे दिल्ली में बाढ़ का खतरा बना रहेगा। बुधवार सुबह यमुना का जलस्तर 206.22 मीटर को पार कर गया, और 207 मीटर तक पहुंचने की संभावना है। सोमवार को हिमालय में भारी बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
विस्थापित लोगों की संख्या
10,000 लोग हुए विस्थापित
दिल्ली के निचले इलाकों में जलभराव के कारण लगभग 10,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। कुछ लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। पूर्वी दिल्ली के डीएम अमोल श्रीवास्तव ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को अलर्ट कर दिया गया है। रेलवे ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की गति को कम कर दिया है।
पिछले 63 वर्षों का आंकड़ा
63 साल में 4 बार ही ऐसा हुआ
दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 63 वर्षों में यमुना ने 43 बार 205 मीटर का स्तर पार किया है, जबकि 14 बार 206 मीटर का स्तर पार किया है। लेकिन केवल चार बार ही यह 207 मीटर के स्तर को पार कर पाई है, जिसमें 2023 का रिकॉर्ड उच्चतम स्तर 208.66 मीटर भी शामिल है।