दिल्ली में यमुना सफाई के लिए सरकार की नई पहल
यमुना की सफाई और प्रदूषण से निपटने की योजना
-यमुना की सफाई, कूड़े के पहाड़ और प्रदूषण की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की ठोस पहल
-समस्या के प्रभावी समाधान के लिए उद्योग और कॉरपोरेट क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा
-उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह के साथ उद्योग प्रमुखों की बैठक
नई दिल्ली: दिल्ली की रेखा सरकार ने राजधानी को ‘विकसित दिल्ली’ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यमुना नदी के प्रदूषण, कूड़े के पहाड़ और वायु प्रदूषण जैसी समस्याओं के समाधान के लिए उद्योग और कॉरपोरेट क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा। सरकार का मानना है कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के तहत किए गए सफल प्रयासों का हिस्सा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यमुना को स्वच्छ और निर्मल बनाना उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
इस विषय पर आज राजनिवास में ‘यमुना और दिल्ली का पुनर्जीवन- एक सीएसआर संवाद’ का आयोजन किया गया। उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने इसकी अध्यक्षता की। इस संवाद में सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ उद्योग संघों के प्रतिनिधि और सार्वजनिक उपक्रमों के प्रमुख भी शामिल हुए। दिल्ली जल बोर्ड ने उन क्षेत्रों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जहां उद्योग जगत के साथ साझेदारी स्थापित की जा सकती है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कहा कि नई सरकार को यमुना नदी के प्रदूषण, ठोस कचरे के पहाड़ और वायु प्रदूषण जैसी समस्याएं विरासत में मिली हैं, जो दिल्ली की अंतरराष्ट्रीय छवि को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इन समस्याओं के समाधान के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी इन समस्याओं का उल्लेख किया और उद्योग जगत से अपेक्षित सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि उद्योग अपने सीएसआर उपक्रमों के अंतर्गत एक ‘कॉर्पस फंड’ स्थापित करें। गुप्ता ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड उद्योगों को ऐसी परियोजनाओं की सूची उपलब्ध कराएगा, जिनमें वे अपने सीएसआर फंड का उपयोग कर सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि यमुना को स्वच्छ रखना उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने हाल ही में यमुना बाढ़ क्षेत्र में विकसित किए गए हरित क्षेत्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि जहां इच्छा होती है, वहां रास्ता भी निकलता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी सरकार राजधानी की समस्याओं के समाधान के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उद्योग जगत से अपील की कि वे नालों को गोद लें और उनके किनारे छोटे-छोटे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाएं। इससे यमुना में जाने वाले प्रदूषण को काफी हद तक रोका जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सीएसआर के संदर्भ में सरकार और उद्योग की साझेदारी के अंतर्गत किए गए प्रयासों का हिस्सा है। जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि चाहे कार्य कितना भी कठिन क्यों न हो, सरकार यमुना की सफाई सुनिश्चित करेगी और विश्वास दिलाया कि आगामी चुनावों में यमुना की सफाई राजनीतिक मुद्दा नहीं बनेगी।
यह तय किया गया कि इस बैठक के बाद दिल्ली जल बोर्ड, अन्य संबंधित विभाग और उद्योग संगठनों के बीच विचार-विमर्श होगा और ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी, जिसमें समयबद्ध लक्ष्य और विशिष्ट परिणाम तय होंगे। इसके बाद शीर्ष स्तर पर इसी प्रकार की एक और बैठक आयोजित की जाएगी।