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दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट का केंद्र सरकार को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से एक विस्तृत योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा कि केवल अस्थायी उपायों से समस्या का समाधान नहीं होगा और दीर्घकालिक रणनीति की आवश्यकता है। सुनवाई के दौरान, पराली जलाने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, जिसमें न्यायालय ने अन्य संभावित कारणों पर सवाल उठाए। इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।
 

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र सरकार से एक विस्तृत योजना प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है। सोमवार को हुई सुनवाई में, न्यायालय ने प्रदूषण के समाधान के लिए दीर्घकालिक रणनीति विकसित करने के लिए केंद्र को निर्देशित किया।


सुनवाई की जानकारी

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई, न्यायमूर्ति विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। पीठ ने निर्माण कार्य पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से इनकार किया, यह कहते हुए कि इससे श्रमिकों की आजीविका प्रभावित होगी।


पर्यावरण और विकास का संतुलन

कोर्ट ने यह भी कहा कि पर्यावरण और विकास के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। केवल एक पक्ष को ध्यान में रखकर आदेश नहीं दिए जा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला अस्थायी उपायों से हल नहीं होगा, और केंद्र को स्थायी समाधान तैयार करने की आवश्यकता है।


पराली जलाने का मुद्दा

सुनवाई के दौरान, पराली जलाने का मुद्दा भी उठाया गया। न्यायमित्र और वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने इस पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कोर्ट ने सवाल उठाया, "जब न्यायमित्र कहते हैं कि प्रदूषण उच्च है, लेकिन पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं, तो क्या इसके अन्य कारण हो सकते हैं?"


केंद्र और राज्य सरकारों से कार्रवाई की अपेक्षा

कोर्ट ने केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ-साथ पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकारों से ठोस कदम उठाने का आह्वान किया। इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।


दिल्ली में वायु गुणवत्ता

हाल के हफ्तों में, दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। सोमवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 360 दर्ज किया गया, जबकि छह स्थानों पर यह 400 से ऊपर रहा, जो गंभीर श्रेणी में आता है।