दिल्ली में विस्फोट: उन्नत तकनीक का इस्तेमाल, सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती
दिल्ली में विस्फोट की गंभीरता
कम मात्रा में विस्फोटकों ने किया बड़ा नुकसान, क्या रिमोट या सेंसर-आधारित ट्रिगर से संचालित था विस्फोट
दिल्ली विस्फोट अपडेट: राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले के निकट हुए विस्फोट ने सुरक्षा एजेंसियों को एक नई चुनौती दी है। यह घटना उस स्थान पर हुई है जहां प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति देश को संबोधित करते हैं, जिससे यह और भी चिंताजनक बन जाता है। इस विस्फोट में अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है। गृह मंत्री ने इस मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
शुरुआती जांच के निष्कर्ष
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह विस्फोट अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके किया गया था। इसमें कई उन्नत सामग्री और तकनीकों का समावेश किया गया था, जिससे कम मात्रा में भी बड़ा नुकसान हुआ। विस्फोटक की संरचना ने ऐसे टुकड़े फैलाए जो जानबूझकर चोट पहुंचाने के लिए बनाए गए थे।
इसके अलावा, यह भी संकेत मिल रहे हैं कि विस्फोट को सटीक समय और स्थान पर करने के लिए रिमोट या सेंसर-आधारित ट्रिगर का उपयोग किया गया। पूरी सच्चाई तब सामने आएगी जब सभी फॉरेंसिक रिपोर्ट और डिजिटल विश्लेषण पूरे होंगे।
गृह मंत्री के निर्देश
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विस्फोट की सूचना मिलने के तुरंत बाद, दिल्ली क्राइम ब्रांच और स्पेशल ब्रांच की टीमें मौके पर पहुंच गईं। एनएसजी और एनआईए की टीमों ने एफएसएल के साथ मिलकर गहन जांच शुरू कर दी है। सभी आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने दिल्ली के पुलिस आयुक्त और स्पेशल ब्रांच प्रभारी से भी बात की है। सभी संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है और जांच को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।