दिल्ली में विस्फोट: क्या यह फिदायीन हमला था?
दिल्ली विस्फोट की नई जानकारी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार में तीन लोग थे, सभी की मौत हो गई
नई दिल्ली में सोमवार शाम को हुए विस्फोट के बारे में कुछ नई जानकारियाँ सामने आई हैं। पहले यह कहा गया था कि विस्फोट एक खड़ी कार में हुआ, लेकिन अब यह स्पष्ट हो रहा है कि विस्फोट के समय कार धीमी गति से चल रही थी। सुरक्षा एजेंसियों की प्रारंभिक जांच से संकेत मिल रहे हैं कि यह एक फिदायीन हमला हो सकता है। हालांकि, अभी तक किसी सुरक्षा एजेंसी ने इस मामले में कोई आधिकारिक रिपोर्ट जारी नहीं की है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि यह हमला आतंकवादी था या किसी अन्य कारण से हुआ।
प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जिस कार में धमाका हुआ, उसमें तीन लोग सवार थे। उन्होंने इन संदिग्धों को जीवित और मरते हुए देखा। कार से शरीर के चिथड़े उड़ते हुए देखे गए। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि धमाके के समय कार चल रही थी। उन्होंने कार में बैठे तीन लोगों को जीवित भी देखा था। इसके बाद उन्होंने उन्हें मरते हुए और उनके शरीर के चिथड़े उड़ते हुए देखा। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, खुफिया विभाग और एनआईए इन लोगों से देर रात तक पूछताछ कर रही थी।
पुलिस की जांच की प्रगति
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके की जांच तेजी से चल रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह स्पष्ट करने की कोशिश की जा रही है कि क्या धमाका फिदायीन हमले का परिणाम था या किसी कार में बम लगाया गया था। फॉरेंसिक टीम ने मौके से मिले धातु के टुकड़ों, वायरिंग और रासायनिक अवशेषों की जांच शुरू कर दी है।
डॉक्टर मुजम्मिल का संदिग्ध संबंध
रविवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल शकील और लखनऊ से महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया है। यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसर गजवात-उल-हिंद जैसे प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ा हुआ था। मुजम्मिल के कमरे से 360 किलो विस्फोटक और असाल्ट राइफल बरामद की गई। सोमवार को शाहीन की कार से कश्मीर में एके-47 राइफल और जिंदा कारतूस जब्त किए गए।
डॉक्टर मुजम्मिल फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाते थे और पुलवामा के कोइल के निवासी हैं। डॉक्टर शाहीन उनकी गर्लफ्रेंड हैं। मुजम्मिल, डॉक्टर शाहीन की कार का उपयोग करते थे। उन्होंने फरीदाबाद के धौज गांव में तीन महीने पहले किराए पर कमरा लिया था। इससे पहले 7 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से डॉ. आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था।