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दिल्ली में संत चैतन्यनंद पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप: जांच में नए खुलासे

दिल्ली में संत चैतन्यनंद सरस्वती को 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जांच में यह खुलासा हुआ है कि वह फरार रहते हुए भी संस्थान की गतिविधियों पर नजर रखे हुए था। पुलिस ने उसे आगरा से गिरफ्तार किया और कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। चैतन्यनंद पर गंभीर आरोप हैं, जिसमें छात्राओं को धमकाना और गलत संदेश भेजना शामिल है। जांच में कई बैंक खातों को फ्रीज किया गया है, जिसमें करोड़ों रुपये जमा हैं।
 

संत चैतन्यनंद की गिरफ्तारी

Swami Chaitanyanand: नई दिल्ली के एक निजी शिक्षण संस्थान में 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार संत चैतन्यनंद सरस्वती के खिलाफ जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पुलिस की जांच में यह पता चला है कि चैतन्यनंद, जो फरार था, फिर भी संस्थान की गतिविधियों पर नजर रखे हुए था। पिछले 40 दिनों में, वह देशभर में साधुओं के बीच छिपकर 13 सस्ते होटलों में ठहरा, जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं थे। रविवार को, दिल्ली पुलिस ने उसे आगरा के एक होटल से गिरफ्तार किया और कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। उस पर 17 छात्राओं से यौन उत्पीड़न, धमकी देने और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप हैं।


जांच का पूरा विवरण

पुलिस के अनुसार, चैतन्यनंद जानबूझकर ऐसे होटलों में ठहरता था जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे। उसके अनुयायी होटल की बुकिंग करते थे ताकि उसका ठिकाना गुप्त रह सके। जांच में यह भी सामने आया कि वह भिक्षु के वेश में साधुओं के साथ रहकर पुलिस की नजरों से बचता रहा। पूछताछ के दौरान, पुलिस को यह जानकारी मिली कि चैतन्यनंद बार-बार खुद को घबराया हुआ बता रहा है। उसके तीन मोबाइल फोन एफएसएल जांच के लिए भेजे गए हैं।


पुलिस कस्टडी का आदेश

ड्यूटी मजिस्ट्रेट रवि की अदालत ने रविवार को आरोपी को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अभियोजन पक्ष ने बताया कि आरोपी ने कई छात्राओं को धमकाया, यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया और बाथरूम में सीसीटीवी कैमरे लगवाए। 16 से अधिक छात्राएं इस मामले में बयान दे चुकी हैं।

बचाव पक्ष ने कहा कि पुलिस ने पहले ही मेरे मुवक्किल के फोन, आईपैड और अन्य सामान जब्त कर लिए हैं। वह मधुमेह और घबराहट की बीमारी से पीड़ित है। वकील ने पुलिस हिरासत को प्रताड़ना करार देते हुए न्यायिक हिरासत की मांग की।


शिकायतकर्ता का पक्ष

शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि चैतन्यनंद को पीड़ितों के बयानों और डिजिटल साक्ष्यों से आमने-सामने कराने के लिए पुलिस हिरासत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि एक गवाह ने स्पष्ट कहा है कि यदि उसने शिकायत की, तो उसे उठा लिया जाएगा। पुलिस ने कहा कि आरोपी अब तक जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। उसके आईपैड और iCloud का पासवर्ड भी नहीं दिया गया है। बचाव पक्ष का कहना था कि "सिर्फ डाटा की जब्ती ही पर्याप्त नहीं है", लेकिन पुलिस ने इसे खारिज करते हुए कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ का खतरा बना हुआ है।


चैतन्यनंद के बैंक खाते फ्रीज

जांच के दौरान, पुलिस ने चैतन्यनंद से जुड़े कई बैंक खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट्स में जमा 8 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए हैं। आरोप है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद उसने विभिन्न खातों से 50 लाख रुपये निकाले। पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपी ने अलग-अलग नामों और विवरणों से कई बैंक खाते खोले थे। उसने खुद को संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स से जुड़ा बताकर फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बनवा रखे थे।


आपत्तिजनक संदेशों का खुलासा

एफआईआर के अनुसार, चैतन्यनंद छात्राओं को देर रात अपने क्वार्टर पर बुलाता था और उन्हें आपत्तिजनक संदेश भेजता था। वह फोन के जरिए छात्रों की गतिविधियों पर नजर रखता था और उनके खिलाफ मनोवैज्ञानिक दबाव बनाता था।