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दिल्ली में 'सुरक्षा चक्र' अभ्यास: आपदा प्रबंधन के लिए नई पहल

दिल्ली कैंट में 'सुरक्षा चक्र' अभ्यास की शुरुआत हुई, जो आपदा प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह तीन दिवसीय संगोष्ठी विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने और आपदा से निपटने की रणनीतियों को मजबूत करने पर केंद्रित है। इसमें दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जिलों को शामिल किया गया है। इस अभ्यास का उद्देश्य आपदा प्रतिक्रिया में तत्परता और संसाधनों की तैनाती को सुनिश्चित करना है। जानें इस अभ्यास के उद्घाटन सत्र में उठे मुद्दों और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
 

सुरक्षा चक्र अभ्यास की शुरुआत

Suraksha Chakra Exercise: दिल्ली कैंट के मानेकशॉ सेंटर में आज 'सुरक्षा चक्र' नामक एक महत्वपूर्ण अभ्यास की शुरुआत हुई। यह तीन दिवसीय एकीकृत आपदा प्रबंधन संगोष्ठी और मॉक एक्सरसाइज पश्चिमी कमान के मुख्यालय द्वारा आयोजित की जा रही है। इस आयोजन में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और दिल्ली, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश की राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (SDMAs) का सहयोग शामिल है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना और आपदा प्रबंधन की संयुक्त रणनीतियों को मजबूत करना है। यह अभ्यास दिल्ली-NCR क्षेत्र में भूकंप और औद्योगिक रासायनिक आपदाओं की तैयारियों पर केंद्रित है, जिसमें दिल्ली के 11, हरियाणा के 5 और उत्तर प्रदेश के 2 जिलों को शामिल किया गया है। 'सुरक्षा चक्र' अभ्यास भारत के सबसे घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है, जो भविष्य में अन्य महानगरों के लिए भी आदर्श बन सकती है।


संयुक्त एजेंसियों की सहभागिता

इस अभ्यास का उद्देश्य केंद्र और राज्य स्तर की एजेंसियों को एक मंच पर लाकर योजनाओं की पुष्टि, संसाधनों की तैनाती और आपसी तालमेल को मजबूत करना है। इसमें सशस्त्र बल, तकनीकी संस्थान, अर्ली वार्निंग एजेंसियां और नागरिक प्रशासन सभी की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।


उद्घाटन सत्र में उठे महत्वपूर्ण मुद्दे

'सुरक्षा चक्र' अभ्यास का भव्य उद्घाटन NDMA प्रमुख श्री राजेन्द्र सिंह ने किया, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने कहा, 'जोखिम क्षेत्रों की पहचान, जोखिम मूल्यांकन और आवश्यक संसाधनों की पूर्व-स्थित तैनाती ही तेज और प्रभावी आपदा प्रतिक्रिया की कुंजी है।'


दिल्ली क्षेत्र की आपदा चुनौतियों पर विशेष चर्चा

दिल्ली क्षेत्र के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार, AVSM, VSM ने क्षेत्र की आपदा संभावनाओं और उनसे निपटने के लिए की जा रही तैयारियों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे विभिन्न एजेंसियां एकजुट होकर जोखिम को कम करने की दिशा में कार्य कर रही हैं। इस अवसर पर NDRF और अन्य भागीदार एजेंसियों द्वारा आधुनिक राहत और बचाव उपकरणों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें आपात स्थिति में प्रयोग होने वाले संसाधनों का प्रदर्शन किया गया।


रियल-टाइम मॉक ड्रिल

इस संगोष्ठी और टेबल टॉप एक्सरसाइज के बाद 1 अगस्त 2025 को एक वास्तविक परिस्थिति पर आधारित मॉक एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी एजेंसियां आपदा प्रतिक्रिया में अपनी तत्परता और समन्वय का प्रदर्शन करेंगी।


आपदा प्रबंधन तंत्र

'सुरक्षा चक्र' अभ्यास भारत में संयुक्त आपदा प्रबंधन ढांचे को संस्थागत रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन दर्शाता है कि जब रणनीतिक सोच और जमीनी अनुभव एक साथ आते हैं, तो देश किसी भी आपदा का प्रभावी तरीके से सामना कर सकता है।