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दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना का उद्घाटन: नई प्रशासनिक सोच का आगाज़

दिल्ली में सेंट्रल विस्टा परियोजना का उद्घाटन आज प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जाएगा। यह परियोजना न केवल दिल्ली की प्रशासनिक संरचना को आधुनिक बनाएगी, बल्कि नागरिकों को बेहतर सेवाएं भी प्रदान करेगी। इस परियोजना के तहत नए केंद्रीय सचिवालय और अन्य महत्वपूर्ण भवनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे सरकारी कार्यों में सुगमता आएगी। जानें इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में और इसके पीछे की आवश्यकता।
 

सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन

सेंट्रल विस्टा: दिल्ली की छवि आज से एक नई दिशा में बदलने जा रही है। भारत सरकार का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट, सेंट्रल विस्टा, अब पूरा हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी आज इसका उद्घाटन करेंगे। इसे कर्तव्य भवन 3 के नाम से भी जाना जाता है, जो आधुनिक भारत की प्रशासनिक दृष्टिकोण का प्रतीक है। इस परियोजना के अंतर्गत दिल्ली के लुटियंस क्षेत्र में विभिन्न सरकारी भवनों और बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसमें संसद भवन, प्रधानमंत्री आवास और उप राष्ट्रपति के निवास सहित कई कार्यालयों का निर्माण शामिल है।


प्रोजेक्ट की शुरुआत कब हुई?

सेंट्रल विस्टा परियोजना की औपचारिक शुरुआत सितंबर 2019 में हुई थी, जब भारत सरकार ने इसकी घोषणा की और योजना को मंजूरी दी। हालांकि, निर्माण कार्य और विभिन्न चरणों की शुरुआत बाद में हुई, जब 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट की नींव रखी। इस परियोजना के तहत नई संसद भवन का निर्माण भी किया गया है।


केंद्रीय सचिवालय का निर्माण

इस परियोजना के तहत एक केंद्रीय सचिवालय का निर्माण भी किया जाएगा, जो इंडिया गेट से राजपथ तक फैला होगा। यह तीन किलोमीटर लंबा होगा और इसमें राष्ट्रपति भवन भी शामिल होगा। सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत नॉर्थ और साउथ ब्लॉक की इमारतों को संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा और उनकी जगह नई इमारतों का निर्माण किया जाएगा।


यह परियोजना क्यों आवश्यक थी?

पुरानी इमारतें 100 साल से अधिक पुरानी थीं, जिसमें न तो आधुनिक तकनीक थी और न ही पर्याप्त स्थान। मंत्रालय विभिन्न स्थानों पर फैले हुए थे, जिससे प्रशासनिक कार्यों में कठिनाइयाँ आती थीं। सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा और ग्रीन बिल्डिंग मानकों की अनुपस्थिति ने भी इस परियोजना की आवश्यकता को बढ़ा दिया। इसलिए, इन इमारतों को स्मार्ट और टिकाऊ ढांचे में बदलना आवश्यक हो गया।


कर्तव्य भवन-3 क्या है?

कर्तव्य भवन-3 नए बनाए जा रहे 10 केंद्रीय सचिवालय भवनों में से पहला है। इसमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास और डीओपीटी जैसे विभागों को स्थानांतरित किया जाएगा। ये भवन ग्रीन बिल्डिंग मानकों के अनुसार बनाए गए हैं, जिसमें सौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन, वेंटिलेशन और डिजिटल कनेक्टिविटी शामिल है। इससे सभी मंत्रालयों के बीच समन्वय में सुधार होगा और नागरिकों को एकल विंडो सेवा की सुविधा मिलेगी।


देश की जनता को क्या लाभ होगा?

इस परियोजना से आम जनता को पारदर्शी और सुगम प्रशासन की सुविधा मिलेगी। सरकारी कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्यस्थल और तकनीकी सहायता उपलब्ध होगी। राजपथ और सेंट्रल विस्टा की सुंदरता और सुलभता में वृद्धि से पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।