दिवाली 2025: भारत में रोशनी और खुशियों का महापर्व
दिवाली 2025 का भव्य उत्सव
दिवाली 2025: भारत ने दीपावली 2025 को धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया। यह पर्व केवल रोशनी और पटाखों का नहीं, बल्कि परिवार, प्रेम और साझा खुशियों का प्रतीक है। इस बार की दिवाली विशेष रही, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 2020 से लागू प्रतिबंध में ढील देते हुए दिल्ली में 'ग्रीन पटाखों' की अनुमति दी।
देश के हर कोने, चाहे वह कश्मीर की वादियाँ हों या गुवाहाटी की रंगीन सड़कें, दीपों की रोशनी से जगमगा उठे। मंदिरों से लेकर गुरुद्वारों तक, हर आस्था दीपावली के उजाले में एकजुट हुई।
दिल्ली में दीवाली का जश्न
सुप्रीम कोर्ट द्वारा 'ग्रीन पटाखों' की अनुमति मिलने के बाद दिल्लीवासियों के चेहरे पर खुशी लौट आई। क्नॉट प्लेस रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से जगमगाया। परिवारों और बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ इस बार दीवाली मनाई। दिवाली का मतलब केवल आतिशबाजी नहीं है; देशभर में लोगों ने पारंपरिक मिठाइयों, नए कपड़ों और उपहारों के आदान-प्रदान के साथ इस पर्व को खास बनाया। बाजारों में रौनक लौट आई और हर गली, हर मोहल्ला उत्सव में डूबा रहा।
दिवाली की चमक किसी एक धर्म तक सीमित नहीं रही। दिल्ली के गुरुद्वारा बंगला साहिब ने दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के मौके पर दीपों की रोशनी से नहा गया। हिंदू, सिख, मुस्लिम और ईसाई - हर समुदाय ने दीप जलाकर, मिठाइयां बांटकर और रंगोलियां सजाकर इस पर्व को मनाया।
कश्मीर से कर्नाटक तक रोशनी ही रोशनी
श्रीनगर का घंटा घर, मुंबई का शिवाजी पार्क, चंडीगढ़ की गलियां, और असम के बाजार - हर जगह दिवाली की सजावट ने मन मोह लिया। मुंबई के शिवाजी पार्क में आतिशबाजी के शानदार प्रदर्शन ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
जवानों के संग PM मोदी का दिवाली
भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ जवानों ने दीप जलाकर, मिठाइयों के साथ पर्व मनाया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार INS विक्रांत पर भारतीय नौसेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई। यह परंपरा उन्होंने वर्षों से निभाई है, जो अब एक राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बन चुकी है।