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दुर्गापुर सामूहिक बलात्कार मामला: छात्रा की दर्दनाक कहानी और पुलिस की कार्रवाई

पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना ने समाज को झकझोर दिया है। ओडिशा की निवासी इस छात्रा ने हमलावरों द्वारा किए गए अमानवीय कृत्य का विवरण साझा किया है। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और घटना का पुनर्निर्माण करने की योजना बना रही है। यह मामला न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आक्रोश का कारण बना है, जिससे शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
 

दुर्गापुर में हुई भयावह घटना


पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज के पास एक द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। ओडिशा के जलेश्वर की निवासी इस छात्रा ने चिकित्सीय उपचार के दौरान अपने साथ हुई अमानवीय घटना का दिल दहला देने वाला विवरण साझा किया। उसने बताया कि कैसे कुछ हमलावरों ने उसे कॉलेज के निकट जंगल में घेर लिया और उसके जीवन को बर्बाद कर दिया।


क्रूरता की पराकाष्ठा

छात्रा ने अपने बयान में कहा कि वह अपनी सहेली के साथ रात का खाना खाने के बाद लौट रही थी, तभी कुछ लोग उनकी ओर बढ़े। डर के मारे वे जंगल की ओर भागीं, लेकिन तीन व्यक्तियों ने उनका पीछा किया, उन्हें पकड़ लिया और जंगल के अंदर खींच ले गए। उसने बताया कि हमलावरों ने उसका फोन छीन लिया और उसे अपनी सहेली को फोन करने के लिए मजबूर किया। जब उसकी सहेली नहीं आई, तो उन्होंने उसे और अंदर ले जाकर बर्बरता की सारी सीमाएं पार कर दीं।


गिरफ्तारी की प्रक्रिया

पीड़िता ने बताया कि हमलावरों ने उसे धमकी दी कि अगर उसने शोर मचाया, तो और लोग आएंगे और उसके साथ वही करेंगे। इस डर से वह चुप रही। यह घटना शुक्रवार रात को कॉलेज के मुख्य द्वार के पास परानागंज काली बाड़ी श्मशान घाट के समीप जंगल में हुई। पुलिस ने इस मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक पूर्व कॉलेज सुरक्षा गार्ड, एक अस्पताल कर्मचारी, एक अस्थायी नगर निगम कर्मचारी और एक बेरोजगार व्यक्ति शामिल हैं।


पुलिस की कार्रवाई

पश्चिम बंगाल पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाकर घटना का पुनर्निर्माण किया जाएगा ताकि पीड़िता के बयान की पुष्टि की जा सके और घटना के क्रम को समझा जा सके। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "पुनर्निर्माण का उद्देश्य पीड़िता के बयान को सत्यापित करना और हमले से पहले की परिस्थितियों को स्पष्ट करना है।" यह मामला न केवल स्थानीय समुदाय में बल्कि पूरे देश में आक्रोश का कारण बन गया है और इसने शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं.