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देहरादून में नस्लीय हिंसा: राहुल गांधी ने की नफरत के खिलाफ आवाज़ उठाने की अपील

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नस्लीय हिंसा की एक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। त्रिपुरा के दो भाइयों पर हुए हमले में एक की मौत हो गई। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसे भयानक हेट क्राइम बताया और नफरत के माहौल पर तीखी प्रतिक्रिया दी। इस घटना ने कानून व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
 

देहरादून में नस्लीय हिंसा की घटना


देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी में नस्लीय हिंसा की एक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। त्रिपुरा के दो भाइयों पर नस्लीय टिप्पणियों के बाद हुए हमले में एक भाई की जान चली गई।


घटना की गंभीरता पर सवाल

इस मामले ने न केवल कानून व्यवस्था को चुनौती दी है, बल्कि सामाजिक सौहार्द पर भी गंभीर प्रश्न उठाए हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसे भयानक हेट क्राइम करार देते हुए नफरत के माहौल पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।


घटना का विवरण

यह घटना 9 दिसंबर को हुई, जब 24 वर्षीय एंजेल चकमा अपने भाई माइकल के साथ एक कैंटीन में थे। वहां कुछ युवकों ने उन पर नस्लीय टिप्पणियां कीं, जिसके बाद विवाद बढ़ गया और मामला हिंसक हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह झगड़ा अचानक नहीं हुआ, बल्कि यह लगातार अपमानजनक व्यवहार का परिणाम था।


हमले की प्रकृति

पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने धारदार हथियारों और कड़े से हमला किया। एंजेल को गंभीर चोटें आईं। उनके पिता, जो बीएसएफ में कार्यरत हैं, ने बताया कि उनके बेटे को बार-बार नस्लीय अपमान का सामना करना पड़ा। एंजेल ने खुद को भारतीय बताया, फिर भी हमलावर नहीं रुके। इलाज के दौरान 26 दिसंबर को उनकी मृत्यु हो गई।


राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी ने इस घटना को सोशल मीडिया पर भयानक हेट क्राइम बताया। उन्होंने कहा कि नफरत अचानक नहीं पैदा होती, बल्कि यह वर्षों तक जहरीले विचारों और गैर-जिम्मेदार बयानों से समाज में फैलती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल इस माहौल को सामान्य बना रहा है। राहुल ने कहा कि भारत प्यार, सम्मान और विविधता का देश है, न कि डर का।


पुलिस कार्रवाई

देहरादून पुलिस ने इस मामले में छह आरोपियों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपी यज्ञराज अवस्थी अभी भी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए नेपाल तक टीम भेजी है और लगातार दबिश दी जा रही है।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को अस्वीकार्य बताया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का वादा किया। यह घटना एक बार फिर देश में नस्लीय भेदभाव और नफरत के मुद्दे को उजागर करती है, जिस पर समाज और सरकार दोनों को गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।