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धाराली आपदा में अग्निवीर सोनू सिंह की संघर्ष की कहानी

धाराली आपदा के दौरान अग्निवीर सोनू सिंह ने अपने जीवन के संघर्ष को साझा किया। उन्होंने भगीरथी नदी में बाढ़ के बीच अपने बचाव की कहानी सुनाई, जिसमें उनके नौ साथी अब भी लापता हैं। जानें कैसे उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एक पेड़ का सहारा लेकर अपनी जान बचाई।
 

सोनू सिंह की आपबीती

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के अग्निवीर सोनू सिंह ने धाराली में आई आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य के दौरान अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि भगीरथी नदी की बाढ़ में बहते हुए भी वे किसी तरह बच गए, जबकि उनके नौ साथी अब भी लापता हैं।

सोनू ने कहा कि उनकी बहनें उन्हें राखी के दिन घर बुला रही थीं, लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं मिली। 5 अगस्त को धाराली में आई आपदा की सूचना पर उन्हें और उनकी टीम के 18 जवानों को राहत कार्य के लिए भेजा गया था। उन्होंने बताया, "जब हम हरशिल नाला पार कर रहे थे, तभी अचानक मलबा गिरा और हम भगीरथी नदी में बह गए।"

सोनू ने आगे कहा, "मुझे लगा कि अब बचना मुश्किल है, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। मलबे ने हमें बहते हुए भगीरथी नदी की ओर ले जाया। मेरे शरीर पर कई चोटें आईं, लेकिन मैंने एक पेड़ का सहारा लिया और लगभग डेढ़ घंटे तक मलबे में फंसा रहा।" बाद में एक दूसरी सेना की टीम ने उन्हें खोज निकाला।

इस हादसे में सोनू की टीम के नौ जवान अब भी लापता हैं, जिनमें एक सुबेदार और एक हवलदार भी शामिल हैं। वर्तमान में सोनू सिंह जिले के अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके और उनके परिवार का भाग्य था कि वे बच गए, लेकिन उनके साथियों की तलाश अभी भी जारी है।