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नई दिल्ली में सुरक्षा के लिए पेड़ हटाने का निर्णय

नई दिल्ली में संसद परिसर में सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक पेड़ को हटाने का निर्णय लिया गया है। यह कदम SPG की सिफारिश पर उठाया गया है, जिसने इसे सुरक्षा के लिए खतरा माना। CPWD ने पेड़ को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा है, जिसे Prerna Sthal में रखा जाएगा। वन विभाग ने इसके स्थानांतरण को सख्त शर्तों के साथ अनुमति दी है। इस निर्णय के पीछे एक युवक द्वारा संसद में प्रवेश करने की कोशिश की घटना भी है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा को प्रेरित किया।
 

सुरक्षा बढ़ाने के लिए पेड़ हटाने का निर्णय

नई दिल्ली के संसद परिसर में सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से एक पेड़ को हटाने का निर्णय लिया गया है। यह कदम SPG की सिफारिश पर उठाया गया है, जिसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नियमित मार्ग पर स्थित इस पेड़ को सुरक्षा के लिए खतरा माना है।


SPG की चेतावनी

सूत्रों के अनुसार, SPG ने गज द्वार के पास स्थित लगभग सात साल पुराने टैबेबिया अर्जेंटीआ पेड़ को वीवीआईपी मार्ग में बाधा के रूप में देखा है। इसकी पत्तियों और फूलों की विशेषता इसे आसानी से पहचानने योग्य बनाती है। SPG ने चेतावनी दी है कि यदि इस पेड़ पर ध्यान नहीं दिया गया, तो सुरक्षा के लिहाज से समस्या उत्पन्न हो सकती है।


पेड़ का स्थानांतरण

पेड़ को किया जाएगा स्थानांतरित


सुरक्षा एजेंसियों की सिफारिश के बाद, CPWD ने दिल्ली वन विभाग से अनुमति प्राप्त की और पेड़ को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा है। इसे Prerna Sthal में रखा जाएगा, जो राष्ट्रीय प्रतीकों और स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्तियों का स्थल है। CPWD ने इसके लिए वन विभाग में 57,000 रुपये की सुरक्षित राशि जमा की है।


वन विभाग की शर्तें

वन विभाग ने सख्त शर्तों पर दी अनुमति


वन विभाग ने पेड़ के स्थानांतरण को सख्त शर्तों के साथ अनुमति दी है। माना जा रहा है कि मानसून सत्र के समाप्त होने के बाद अगले सप्ताह पेड़ का स्थानांतरण शुरू होगा। इसे इस तरह से लगाया जाएगा कि इसकी वृद्धि और देखभाल में कोई समस्या न आए।


सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा

इस निर्णय से एक दिन पहले, एक 20 वर्षीय युवक ने IG-2 गेट पर लगे पेड़ पर चढ़कर संसद भवन में प्रवेश करने की कोशिश की थी। केंद्रीय एजेंसियां, जिनमें IB और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल शामिल हैं, युवक से पूछताछ कर उसकी मंशा जानने का प्रयास कर रही हैं। यह घटना सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा का मुख्य कारण बनी।