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नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत की प्राथमिकताएं और योजनाएं

जस्टिस सूर्यकांत, जो नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने वाले हैं, ने मीडिया से बातचीत में अपनी प्राथमिकताओं का खुलासा किया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और निचली अदालतों में सुधारात्मक योजनाओं की बात की, साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर अपनी चिंताओं को भी साझा किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट में नई बेंच खोलने के मुद्दे पर भी उन्होंने अपने विचार रखे। जानें उनके आगामी कदम और न्याय प्रणाली में सुधार के लिए उनकी योजनाएं।
 

जस्टिस सूर्यकांत का मीडिया से संवाद

नई दिल्ली। नए मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस सूर्यकांत ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वे सुप्रीम कोर्ट और देश की निचली अदालतों में कई सुधारात्मक कदम उठाने की योजना बना रहे हैं।


जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि शपथ लेने के तुरंत बाद वे उच्च न्यायालय से संपर्क करेंगे और उन मामलों की पहचान करेंगे जो निचली अदालतों में लंबित हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार अक्सर सबसे बड़ी पक्षकार होती है, और इस मुद्दे पर भी ध्यान दिया जाएगा कि इसे कैसे कम किया जा सकता है। अदालतों में मामलों का बोझ कम करना उनकी प्राथमिकता है, जिसके लिए वे एक विशेष योजना पर कार्य करेंगे।


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चिंता

जस्टिस सूर्यकांत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के उपयोग पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जबकि AI के कई लाभ हैं, लेकिन इसके उपयोग को लेकर लोगों में कई सवाल और डर भी हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि हर कोई चाहता है कि उनके मामलों का निर्णय एक मानव जज द्वारा किया जाए। सोशल मीडिया पर जजों के निर्णयों की आलोचना पर उन्होंने कहा कि हर समस्या का समाधान होता है और जजों को आलोचनाओं से डरने की आवश्यकता नहीं है।


इलाहाबाद हाईकोर्ट की नई बेंच पर विचार

जस्टिस सूर्यकांत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक नई बेंच खोलने के मुद्दे पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है, लेकिन नई बेंच खोलने के लिए कई पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है। लखनऊ बेंच में सुविधाएं बेहतर हैं, जबकि इलाहाबाद हाईकोर्ट में आधुनिक सुविधाओं की कमी है और जजों की संख्या भी पर्याप्त नहीं है।


उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में त्वरित न्याय की आवश्यकता है। हालांकि, नई बेंच खोलने का निर्णय संसद, पेरेंट हाईकोर्ट और सभी संबंधित पक्षों के सहयोग से लिया जाना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत 24 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे।