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नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की सफलता: 258 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण

छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की प्रक्रिया में तेजी आई है। गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि हाल ही में 258 उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है। उन्होंने इस सफलता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के निरंतर प्रयासों का परिणाम बताया। अमित शाह ने नक्सलियों से अपील की कि वे अपने हथियार त्याग दें। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में और क्या कहा गृहमंत्री ने।
 

नक्सलियों का आत्मसमर्पण

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। हाल ही में, गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जबकि पिछले दिन 27 ने हथियार डाले थे। इसी तरह, महाराष्ट्र में भी 61 नक्सलियों ने मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इस प्रकार, पिछले दो दिनों में कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है।


अमित शाह ने कहा कि, "मैं इन सभी के निर्णय की सराहना करता हूं, जिन्होंने हिंसा छोड़कर भारत के संविधान में अपना विश्वास पुनर्स्थापित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की निरंतर प्रयासों का यह परिणाम है कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है। हमारी नीति स्पष्ट है: जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो हथियार उठाए रहेंगे, उन्हें हमारी सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।" उन्होंने सभी नक्सलियों से अपील की कि वे अपने हथियार त्याग दें और मुख्यधारा में लौट आएं।



गृहमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और नॉर्थ बस्तर को नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित किया गया है। अब केवल साउथ बस्तर में कुछ छिटपुट नक्सली बचे हैं, जिन्हें हमारी सुरक्षा बल जल्द ही समाप्त कर देंगे।


उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1785 को गिरफ्तार किया गया है और 477 को न्यूट्रीलाइज किया गया है। यह हमारे दृढ़ संकल्प का प्रतीक है कि 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म किया जाएगा।