नक्सलियों का नया संदेश: पीएलजीए सप्ताह मनाने का आह्वान
नागपुर में नक्सलियों की गतिविधियाँ
नागपुर: सीपीआई माओवादी संगठन ने हाल ही में तीन महीने तक एंटी नक्सल अभियान को रोकने की मांग की थी, ताकि उनके बिखरे हुए सदस्य आत्मसमर्पण कर सकें और सरकारी पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठा सकें। लेकिन अब, संगठन के केंद्रीय सैन्य आयोग ने एक विपरीत संदेश जारी किया है। आयोग ने अपने सदस्यों से कहा है कि वे दो से आठ दिसंबर तक पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी सप्ताह को उत्साह के साथ मनाएं और अंतिम सांस तक लड़ाई जारी रखने का संकल्प लें।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता
यह संदेश पीएलजीए की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर आया है, जिसे माओवादी इस वर्ष की सबसे कठिन परिस्थितियों में भी अपने साहस का प्रतीक मानते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें लगातार यह दावा कर रही हैं कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा। इस बीच, सुरक्षा एजेंसियां पहले से अधिक सतर्क हो गई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चाहे माओवादी आत्मसमर्पण का रास्ता चुनें या संघर्ष का, सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी रहेगी।
ऑपरेशन की निरंतरता
अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की ढील या इंतजार की नीति नहीं अपनाई जाएगी और इंटेलिजेंस आधारित ऑपरेशन जारी रहेंगे। माओवादियों ने स्वीकार किया है कि पिछले एक वर्ष में उनके 320 सदस्य मारे गए हैं, जिनमें आठ केंद्रीय समिति के सदस्य और 15 राज्य स्तरीय नेता शामिल हैं। हालांकि, संगठन का दावा है कि उन्होंने 116 सुरक्षा कर्मियों को मार गिराया है, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने गलत बताया है।
माओवादी नेतृत्व की प्रतिक्रिया
माओवादी नेतृत्व ने अपने आंतरिक बयान में भूपति सतिश गुट की आलोचना की है, यह कहते हुए कि इस गुट ने 227 से अधिक हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर संगठन के साथ विश्वासघात किया है। नेतृत्व ने अपने सदस्यों को चेतावनी दी है कि वे ऐसे गुटों के प्रभाव में न आएं और कहा कि सशस्त्र संघर्ष ही जीत का रास्ता है, जो मार्च 2026 के बाद भी जारी रहेगा।
वरिष्ठ अधिकारियों की स्थिति
पीएलजीए सप्ताह के लिए माओवादियों को छोटे गुप्त मीटिंग, पोस्टर लगाने और भर्ती अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच, महाराष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि वे बड़े पैमाने पर आत्मसमर्पण के लिए तैयार हैं, लेकिन एंटी नक्सल ऑपरेशन को रोकने का कोई सवाल नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार कहा है कि सुरक्षा बल नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियां पीएलजीए सप्ताह से पहले सतर्क हैं।