नशीले कफ सिरप तस्करी में मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल की गिरफ्तारी की तैयारी
लखनऊ में नशीले कफ सिरप की तस्करी का मामला
लखनऊ। नशीले कफ सिरप की तस्करी में शामिल सिंडिकेट के प्रमुख शुभम जायसवाल और उनके पिता भोला जायसवाल ने रांची स्थित शैली ट्रेडर्स के माध्यम से 2.24 करोड़ कफ सिरप की बोतलें बेचीं। इन दोनों ने 500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सिरप की तस्करी की है, जो प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया है। शुभम, जो नेताओं और माफिया के संरक्षण में था, दुबई भागने में सफल रहा है। ईडी उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की योजना बना रहा है।
ईडी को शुभम और उसके चार्टर्ड अकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल के ठिकानों पर छापों के दौरान महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। शुभम के पारिवारिक घर से मिले दस्तावेजों में कई नेताओं, एक प्रसिद्ध माफिया और दो ड्रग इंस्पेक्टरों को दी गई रकम का विवरण भी शामिल है। छापे के दौरान दिल्ली की एबॉट कंपनी से खरीदे गए फेसेडिल सिरप के बिल और फर्जी फर्मों के लेन-देन का भी पता चला है, जिससे एबॉट कंपनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अधिकारियों को संदेह है कि शुभम को फर्जी बिलिंग के लिए बंद की गई फर्मों का विवरण ड्रग इंस्पेक्टरों ने दिया था। इसके अलावा, जिन फर्मों के लाइसेंस रद्द हो चुके थे, उनके नाम और पते भी उपलब्ध कराए गए थे। इसी कारण ईडी के अधिकारी वाराणसी में पिछले तीन वर्षों में संदिग्ध फर्मों की जांच कर रहे हैं। जांच में यह भी पता चला है कि शुभम ने 13 जिलों की 177 फर्मों के नाम पर फर्जी बिलिंग की, जबकि सिरप की पूरी खेप त्रिपुरा भेजी गई, जिससे उसे बांग्लादेश में तस्करी किया जा सके।
तीन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी
नशीले कफ सिरप का निर्माण करने वाली तीन कंपनियों के खिलाफ पुलिस जल्द ही एफआईआर दर्ज करने की योजना बना रही है। इनमें हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित एबॉट फार्मास्युटिकल्स शामिल है, जिसने सबसे अधिक सिरप की आपूर्ति की थी। पहले, यह कंपनी विभोर राणा और विशाल सिंह को सिरप की आपूर्ति कर रही थी, लेकिन जब उनका माल पकड़ा जाने लगा, तो उसने शुभम जायसवाल को सुपर स्टॉकिस्ट बना दिया। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के पोंटा साहिब स्थित लेबोरेट फार्मा भी जांच के दायरे में है।