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निवेशकों ने चिटफंड कंपनियों से पैसे की वापसी के लिए किया विरोध प्रदर्शन

जींद के जुलाना कस्बे में चिटफंड कंपनियों में फंसे निवेशकों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। निवेशकों का कहना है कि पर्ल इंडिया लिमिटेड में 49,100 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं और सरकार ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मोहन लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में निवेशकों ने आगामी दिसंबर में आंदोलन को और मजबूत करने की योजना बनाई। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 

चिटफंड कंपनियों में निवेशकों का बढ़ता रोष



  • चिटफंड कंपनियों में निवेशकों के पैसे की वापसी के लिए सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए गए


जींद, जुलाना कस्बा। अटल पार्क में रविवार को चिटफंड कंपनियों में फंसे निवेशकों ने एकत्र होकर सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। पर्ल इंडिया लिमिटेड और अन्य चिटफंड कंपनियों में निवेशकों के पैसे की वापसी के लिए कानून बनने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से लोग निराश हैं। बैठक की अध्यक्षता मोहन लाल ने की, जिन्होंने कहा कि भारत सरकार ने चिटफंड कंपनियों में फंसे पैसे की वापसी के लिए बड्र्स एक्ट पारित किया है, लेकिन इसका कोई प्रभाव नहीं दिख रहा है।


निवेशकों का 49,100 करोड़ रुपये फंसा हुआ

पर्ल इंडिया लिमिटेड में निवेशकों का 49,100 करोड़ रुपये फंसा हुआ है। कंपनी ने लोगों से पैसे दोगुना करने का वादा करके बड़ी ठगी की है। इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए आए निवेशकों और एजेंटों ने कहा कि दिसंबर में हर गांव में बड़े स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी और आंदोलन को और मजबूत किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनियों में निवेश के बाद पैसे के डूबने से कई परिवार आर्थिक संकट में हैं। इसलिए, निवेशकों का पैसा वापस दिलाने की मांग की गई। इस बैठक में रामकुमार, आशीष कुमार, अशोक, राजेंद्र, सुमित और अन्य लोग शामिल हुए।