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नीतीश कुमार का मुस्लिम समुदाय से संवाद: बिहार में चुनावी हलचल

बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारी के चलते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय के साथ संवाद बढ़ाने का प्रयास किया है। पटना में आयोजित एक समारोह में, उन्होंने मुस्लिम समाज को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा। नीतीश ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस लेख में जानें नीतीश कुमार के द्वारा उठाए गए कदम और उनकी सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में।
 

बिहार में चुनावी गतिविधियाँ तेज

बिहार में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ बढ़ गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम समुदाय के साथ संवाद को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। हाल ही में पटना के बापू सभागार में बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के शताब्दी समारोह में भाग लेते हुए, नीतीश कुमार ने मुस्लिम समाज को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा। इस अवसर पर, उन्होंने अपनी सरकार के कार्यों का उल्लेख करते हुए पूर्व सरकारों पर अल्पसंख्यक समुदाय की अनदेखी का आरोप लगाया।


समारोह में बड़ी संख्या में लोग शामिल

इस समारोह में लगभग 15,000 लोग उपस्थित थे। नीतीश कुमार ने बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के 100 वर्ष पूरे होने पर खुशी व्यक्त की और इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2005 में सत्ता में आने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर मुस्लिम समाज के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। नीतीश ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने बिहार में कानून का राज स्थापित किया और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा दिया।


अल्पसंख्यक कल्याण के लिए ठोस कदम

मुख्यमंत्री ने कहा, "2005 से पहले बिहार में मुस्लिम समुदाय के लिए कोई विशेष कार्य नहीं हुआ। पहले की स्थिति बहुत खराब थी, झगड़े और फसाद आम थे। लेकिन जब हमारी सरकार बनी, तब से हमने अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए।" उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार आज भी मुस्लिम समुदाय के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि विपक्षी दलों ने इस दिशा में कोई योगदान नहीं दिया।


कब्रिस्तानों की घेराबंदी और समान वेतन

नीतीश कुमार ने अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2006 से कब्रिस्तानों की घेराबंदी का कार्य शुरू किया गया, जिससे मुस्लिम समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मदरसा शिक्षा बोर्ड के शिक्षकों को सरकारी शिक्षकों के समान वेतन देने की बात पर जोर दिया। नीतीश कुमार ने कहा कि पहले मदरसा शिक्षकों को उचित वेतन नहीं मिलता था, लेकिन हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि उन्हें सरकारी शिक्षकों के बराबर वेतन मिले। यह हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।