नीदरलैंड में इजरायल के खिलाफ कार्रवाई न कर पाने पर विदेश मंत्री का इस्तीफा
नीदरलैंड में राजनीतिक संकट
द हेग: गाजा में इजरायली सैन्य गतिविधियों के चलते अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है, जिसका प्रभाव नीदरलैंड की राजनीति पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। इजरायल के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने में असफल रहने के कारण डच विदेश मंत्री कैस्पर वेल्डकैंप ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस निर्णय ने देश में एक गंभीर राजनीतिक संकट उत्पन्न कर दिया है।
कैस्पर वेल्डकैंप, जो पहले इजरायल में नीदरलैंड के राजदूत रह चुके हैं, ने कहा कि वह गाजा में इजरायल की कार्रवाइयों के खिलाफ 'सार्थक उपाय' लागू करने के लिए सरकार के भीतर समर्थन जुटाने में असफल रहे। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गठबंधन सरकार के कुछ मंत्री मौजूदा प्रतिबंधों को लागू करने में बाधा डाल रहे थे। उन्होंने कहा, 'मैं देख रहा हूं कि गाजा शहर और वेस्ट बैंक में क्या हो रहा है... मैं खुद नीतियों को लागू करने और आवश्यक कदम उठाने में असमर्थ महसूस कर रहा हूं।'
वेल्डकैंप के इस्तीफे ने नीदरलैंड में एक अप्रत्याशित राजनीतिक संकट को जन्म दिया है। उनकी पार्टी 'न्यू सोशल कॉन्ट्रैक्ट' के सभी मंत्रियों और राज्य सचिवों ने भी एकजुटता दिखाते हुए कार्यवाहक सरकार से इस्तीफा दे दिया है। प्रधानमंत्री डिक शूफ ने शुक्रवार शाम संसद को इस घटनाक्रम की जानकारी देते हुए वेल्डकैंप और उनकी पार्टी के फैसले पर गहरा अफसोस व्यक्त किया।
यह राजनीतिक घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब गाजा में मानवीय स्थिति अत्यंत गंभीर हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर गाजा में अकाल की घोषणा की। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि पांच लाख से अधिक फिलिस्तीनी भुखमरी, गरीबी और मौत का सामना कर रहे हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि वेल्डकैंप लगातार इजरायल पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने इजरायली नौसेना के जहाजों के पुर्जों के निर्यात परमिट रद्द कर दिए थे और यूरोपीय संघ के साथ इजरायल के व्यापार समझौते को निलंबित करने की मांग की थी। गुरुवार को नीदरलैंड ने 21 अन्य देशों के साथ मिलकर वेस्ट बैंक में इजरायली बस्ती परियोजना की निंदा की थी।