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नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री से इजरायली हवाई हमलों के लिए मांगी माफी

बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री से इजरायली हवाई हमलों के लिए माफी मांगी है। यह कॉल व्हाइट हाउस से की गई थी, जिसमें नेतन्याहू ने हमले का उद्देश्य हमास के नेताओं को निशाना बनाना बताया। इस घटना ने कतर के साथ इजराइल के संबंधों पर प्रभाव डाला है, क्योंकि कतर अमेरिका का करीबी सहयोगी है। जानें इस घटना के पीछे की कूटनीतिक रणनीतियाँ और अमेरिका की प्रतिक्रिया।
 

नेतन्याहू का कतर के प्रधानमंत्री को फोन

बेंजामिन नेतन्याहू, जो वर्तमान में अमेरिका के दौरे पर हैं, ने व्हाइट हाउस से कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अलथानी को फोन कर दोहा में हुए इजरायली हवाई हमलों के लिए माफी मांगी। नेतन्याहू ने इस कॉल के दौरान बताया कि हमले का उद्देश्य हमास के नेताओं को निशाना बनाना था, लेकिन इसके परिणामस्वरूप कतर की राजधानी में आम नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।


रिपोर्टों के अनुसार, नेतन्याहू ने कतर के प्रधानमंत्री को फोन किया था, जब उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी।


कतर की भूमिका और इजराइल के संबंध

प्रधानमंत्री नेतन्याहू की माफी इस बात का संकेत है कि इजराइल कतर की गाज़ा शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देता है। हालांकि, दोनों देशों के बीच कुछ मतभेद हैं। नेतन्याहू समझते हैं कि इजराइल को कतर को नाराज़ नहीं करना चाहिए, क्योंकि कतर के हमास और अमेरिका के साथ अच्छे संबंध हैं, जो उसे इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाते हैं।


माफी मांगने के पीछे का उद्देश्य नेतन्याहू द्वारा कूटनीतिक समस्याओं से बचना और ईरान, तुर्की जैसे देशों को कतर के गुस्से का इस्तेमाल इजराइल के खिलाफ करने से रोकना है।


इजरायली हवाई हमले और अमेरिकी प्रतिक्रिया

9 सितंबर को इजराइल ने कतर पर हवाई हमले किए, जिसमें हमास के राजनीतिक नेतृत्व को निशाना बनाया गया। यह हमला उस समय हुआ जब हमास के नेता कथित तौर पर ट्रंप के शांति प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए दोहा में एकत्रित हुए थे। इस हमले ने गंभीर चिंताएँ उत्पन्न कीं, क्योंकि कतर अमेरिका का करीबी सहयोगी है और यहां अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा स्थित है।


इस घटना ने ट्रंप की स्थिति को संभालने की क्षमता पर सवाल उठाए। अमेरिका ने इजराइली कार्रवाई पर अपनी असहमति व्यक्त की, और वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने नेतन्याहू के साथ तनावपूर्ण बातचीत की, जिसमें उन्होंने हमलों के बारे में पहले से सूचित न किए जाने पर निराशा व्यक्त की।


हमले की योजना और अमेरिका की जानकारी

हालांकि, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नेतन्याहू ने हमले की योजना बनने से पहले ही ट्रंप को इसकी जानकारी दे दी थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका को इस ऑपरेशन की जानकारी थी। फिर भी, व्हाइट हाउस ने तर्क किया कि उसे मिसाइलों के प्रक्षेपण के बाद ही सूचित किया गया, जिससे राष्ट्रपति ट्रंप को हस्तक्षेप करने का कोई अवसर नहीं मिला।


वैश्विक निंदा के बावजूद, नेतन्याहू ने कतर पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया और संकेत दिया कि भविष्य में और भी कार्रवाई की जा सकती है।