×

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते का प्रधानमंत्री से आग्रह: 21 अक्टूबर को लाल किले पर ध्वज फहराने की परंपरा को पुनर्जीवित करें

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 21 अक्टूबर को लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की परंपरा को पुनर्जीवित करने का अनुरोध किया है। चंद्र कुमार बोस ने इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मान्यता देने की बात की है, जैसा कि अमेरिका में 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह पहल नेताजी की विरासत को सम्मानित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
 

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत का सम्मान

भारत की पहली स्वतंत्र सरकार का महत्व: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वे 21 अक्टूबर को लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराने की परंपरा को पुनः स्थापित करें। यह दिन आज़ाद हिंद की अनंतिम सरकार की स्थापना की याद में मनाया जाता है, जो संयुक्त भारत की पहली स्वतंत्र सरकार थी। परिवार चाहता है कि इसे एक वार्षिक समारोह में बदला जाए।

नेताजी के परपोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि प्रधानमंत्री को 21 अक्टूबर को ध्वज फहराने की परंपरा को दोहराना चाहिए। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया, "जैसे अमेरिका में 4 जुलाई को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है, नेताजी ने 21 अक्टूबर को अविभाजित भारत के राष्ट्राध्यक्ष और प्रधानमंत्री के रूप में स्वतंत्रता दिवस के रूप में घोषित किया था।"