नेपाल और फ्रांस में बढ़ते विरोध प्रदर्शन और हिंसा
नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ उभरा जनाक्रोश
नई दिल्ली। नेपाल में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ विरोध अब हिंसक रूप ले चुका है। विभिन्न स्थानों पर हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। इस बीच, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। नेपाल में चल रहे इस संकट के बीच, फ्रांस में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। वहां भी बड़ी संख्या में लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं, जिसे 'ब्लॉक एवरीथिंग' नाम दिया गया है।
फ्रांस में प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई
फ्रांस में कई स्थानों पर सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है। आगजनी की घटनाओं के बाद तनाव बढ़ गया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं, खासकर बार-बार प्रधानमंत्री के बदलने के मुद्दे पर उनकी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों की चेतावनी और पुलिस की तैनाती
प्रदर्शनकारियों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि वे अपने आंदोलन के दौरान सब कुछ ठप कर देंगे। हालांकि, आंदोलन की शुरुआत में स्थिति शांत रही, लेकिन सोशल मीडिया पर हैशटैग ट्रेंड करने के बाद विरोध प्रदर्शन फिर से तेज हो गया। इस स्थिति को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिसके बाद कई गिरफ्तारियां की गईं।
गृह मंत्री का बयान
विरोध प्रदर्शन के बीच गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि पश्चिमी शहर रेनेस में एक बस में आग लगा दी गई और एक बिजली लाइन को नुकसान पहुंचाने से दक्षिण-पश्चिम में ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी विद्रोह का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे थे।