नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री सुशीला कार्की का मंत्रिमंडल गठन: क्या है जनरेशन Z का प्रभाव?
नेपाल में राजनीतिक स्थिरता की ओर कदम
Nepal News: नेपाल में राजनीतिक स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सुशीला कार्की, जो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं, आज अपने मंत्रिमंडल का गठन करेंगी। हाल के दिनों में हिंसक प्रदर्शनों और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल ने संसदीय चुनाव की तिथि 5 मार्च 2026 निर्धारित की है।
सामान्य होते हालात
पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के अंतरिम प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शुक्रवार शाम को शपथ लेने के बाद, कार्की ने अपने कार्यालय और सहयोगियों के साथ मंत्रिमंडल के गठन के लिए विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।
छोटे और प्रभावी मंत्रिपरिषद की योजना
छोटे और चुस्त मंत्रिपरिषद का संकेत
सूत्रों के अनुसार, सुशीला कार्की एक बड़े मंत्रिपरिषद का गठन नहीं करना चाहतीं। वह 15 से अधिक मंत्रियों वाली टीम बनाने के बजाय एक प्रभावी और चुस्त मंत्रिपरिषद का निर्माण करना चाहती हैं। यह जनरेशन Z आंदोलन से भी प्रेरित है, जो सरकार में पारदर्शिता और दक्षता की मांग कर रहा है। एक सहयोगी ने बताया कि वह 15 से कम सदस्यों वाली मंत्रिपरिषद के पक्ष में हैं।
संभावित मंत्रियों की सूची
मंत्रियों के नाम पर चल रही चर्चा
विभिन्न क्षेत्रों से कई नाम मंत्रियों के लिए सुझाए गए हैं। संभावित नामों में वकील ओम प्रकाश अर्याल, बालानंद शर्मा, आनंद मोहन भट्टाराई, माधव सुंदर खड़का, असीम मन सिंह बस्न्यात और कुलमान घिसिंग शामिल हैं। चिकित्सा क्षेत्र से भी कई प्रमुख चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा में हैं, जिनमें डॉ भगवान कोइराला, डॉ संडुक रुइट, डॉ जगदीश अग्रवाल और डॉ पुकार चंद्र श्रेष्ठ शामिल हैं।
जनरेशन Z का सक्रिय योगदान
Gen Z आंदोलन का सक्रिय योगदान
जनरेशन Z आंदोलन के सदस्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे डिस्कॉर्ड पर मंत्रियों के चयन पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के करीबी सहयोगी ने बताया कि यदि सभी पक्षों में सहमति बन जाती है, तो नए मंत्री रविवार शाम को शपथ ग्रहण करेंगे। अन्यथा इसे सोमवार तक स्थगित किया जा सकता है।
शपथ ग्रहण और मंत्रालयों की जिम्मेदारी
शपथ और मंत्रालयों की जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री कार्की ने शपथ लेने के बाद सभी 25 मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल ली है। हालांकि उन्हें अधिकतम 25 मंत्रियों को नियुक्त करने का अधिकार है, लेकिन वह पिछले प्रधानमंत्रियों की गलतियों से सीख लेकर केवल आवश्यक और सक्षम व्यक्तियों को ही शामिल करना चाहती हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, हाल के विरोध प्रदर्शनों के दौरान सिंह दरबार सचिवालय स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में आग लग गई थी, इसलिए गृह मंत्रालय के लिए नवनिर्मित भवन को प्रधानमंत्री कार्यालय के रूप में तैयार किया जा रहा है।