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नेपाल में Gen-Z आंदोलन: युवा प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें

नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ जेन-जी आंदोलन ने जोर पकड़ा है। प्रदर्शनकारियों ने नई सरकार में ईमानदारी, लोकतांत्रिक जवाबदेही और युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की मांग की है। उनकी प्रमुख मांगों में नेताओं की संपत्तियों की जांच, चुनावों की त्वरित घोषणा और सेना की भूमिका को सीमित करना शामिल है। जानें इस आंदोलन के पीछे की कहानी और युवा प्रदर्शनकारियों की अन्य मांगें।
 

नेपाल में आंदोलन की स्थिति

नेपाल में हालिया आंदोलन: नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन अब धीमा होता नजर आ रहा है। जेन-जी प्रदर्शनकारियों के कारण देशभर में अराजकता और हिंसा का माहौल बना हुआ था। गुरुवार को भी कुछ क्षेत्रों में हमलों की घटनाएं सामने आईं। अब अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो रही है, जिसके लिए आज सुशीला कार्की, जो पीएम पद की प्रमुख दावेदार हैं, की बैठक सेना के साथ होगी। लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जेन-जी प्रदर्शनकारियों की असली मांगें क्या हैं। इस पर विस्तार से चर्चा करते हैं।


Gen-Z आंदोलनकारियों की मांगें

जेन-जी प्रदर्शनकारियों की शर्तें: जेन-जी आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया है कि वे एक नए नेपाल के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्हें नई सरकार में ईमानदारी, लोकतांत्रिक जवाबदेही, स्वतंत्रता और समानता की आवश्यकता है। इसके साथ ही, वे चाहते हैं कि नई सरकार में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो। उन्होंने अपनी चिट्ठी में इन मांगों पर ध्यान देने की अपील की है। उनका कहना है कि उनका आंदोलन विनाश के लिए नहीं, बल्कि बदलाव के लिए है।


प्रमुख मांगें

1. युवा प्रदर्शनकारियों ने एक पत्र में अपनी मांगें प्रस्तुत की हैं। उन्होंने कहा है कि नेताओं और मंत्रियों को भागने से रोका जाए और उनके स्विस बैंक खातों, संपत्तियों और राजनीतिक दलों की संपत्तियों की ईमानदारी से जांच की जाए।


2. अंतरिम सरकार को एक साल के भीतर आम चुनावों की घोषणा करनी चाहिए ताकि नई सरकार का गठन हो सके। सुशीला कार्की को इस अंतरिम सरकार का नेतृत्व करना चाहिए।


3. पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रदर्शन के दौरान हुई आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाओं की जांच होनी चाहिए और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। ऐसे लोगों को कोई समर्थन नहीं दिया गया है।



4. युवाओं ने सेना की भूमिका को सीमित करने की मांग की है। उनका कहना है कि सेना का कार्य केवल युवाओं की मांगों की सुरक्षा और निष्पक्ष निगरानी तक सीमित होना चाहिए। अंतरिम सरकार का मुख्य उद्देश्य केवल चुनावों की घोषणा करना होना चाहिए, न कि लंबे समय तक शासन करना।


5. युवाओं ने कहा है कि जेल, पुलिस हिरासत या न्यायिक हिरासत से फरार कैदियों को कानूनी प्रक्रिया के तहत फिर से हिरासत में लिया जाए। जो कैदी बुलाए जाने पर वापस नहीं लौटते, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसे फरार लोगों को समाज में घुलने-मिलने से रोकने के लिए आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए।