नेपाल में प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा, राजनीतिक संकट गहराया
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बीच इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीतिक स्थिति और जटिल हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने उनके कार्यालय और निवास पर धावा बोल दिया, जबकि हिंसक झड़पों में कई लोग मारे गए। सुरक्षा एजेंसियों ने संयम बरतने की अपील की है। जानें इस संकट की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
Sep 10, 2025, 13:24 IST
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल
काठमांडू में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के चलते प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की, जिससे नेपाल में राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई। प्रदर्शनकारियों ने उनके आधिकारिक कार्यालय और निजी निवास पर धावा बोल दिया, जो कि एक विवादास्पद सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ हिंसक झड़पों के एक दिन बाद हुआ, जिसमें 20 से अधिक लोग मारे गए। कई कैबिनेट मंत्रियों ने सरकार पर जनता की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया, जिससे संकट और बढ़ गया। ओली ने इस्तीफे से कुछ घंटे पहले शांति की अपील की और प्रदर्शनकारियों से संवाद करने का आग्रह किया। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में चल रही घटनाओं का आकलन करने के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक बुलाई।
सुरक्षा एजेंसियों की अपील
प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद, सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने एक संयुक्त अपील की। उन्होंने जनता से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से संकट का समाधान निकालने की अपील की। उन्होंने कहा, 'चूंकि राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है, हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे संयम रखें और इस कठिन समय में जान-माल को और नुकसान न होने दें।'
विरोध प्रदर्शनों का विस्तार
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच अपने पद से इस्तीफा दिया। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया और संसद तथा कई प्रमुख नेताओं के घरों में आग लगा दी। एक दिन पहले हुई हिंसा में 19 लोगों की मौत हो गई थी। सरकारी प्रतिबंध के खिलाफ छात्रों के नेतृत्व में शुरू हुआ आंदोलन अब एक बड़े अभियान में बदल चुका है।